मेलघाट राईट टु एजुकेशन की उड़ रही धज्जीयां
धारणी
मेलघाट के धारणी शहर में आदिवासी आश्रम शालाओं की देखरेख हेतु आदिवासी प्रकल्प कार्यालय मौजुद होने के बावजुद भी मेलघाट की आश्रम शालाओं की हालत अपनी बदहाली पे आँसु बहा रहा है. धारणी मुख्यालय से 30 कि.मी. की दुरी पर कुंटगा ग्राम में भोंड़िलावा की आश्रम शाला को स्थानांतर किया गया है. आदिवासी छात्रों को उच्च शिक्षा के प्रवाह में ले जाने हेतु आदिवासी विभाग शिक्षण क्षेत्र में करोडो रुपये खर्च करने के बावजूद भी यह खर्च कैसे और कहा किया जा रहा है यह चौकाने वाला विषय है. धारणी और चिखलदरा तहसील के आश्रम में करीब दस हजार छात्र अपनी शिक्षा आश्रम में कर रहे है. लेकिन प्रशासन इनके साथ खिलवाड़ कर राईट टु एजुकेशन कायदे की धज्जिया उडाता दिखाई दे रहा है.
भोंड़िलावा आश्रम में पहिली कक्षा से सातवी कक्षा तक छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे है. लेकिन इन छात्रों के आश्रमशाला की आगे की जगह पर रात में सुलाये जाने का मामला उजागर हुआ है. एक चपरासी के भरोसे इन नन्हे-नन्हे बच्चों को सुलाया जाता है. इसका जिम्मेदार कोन है? यह प्रश्न निर्माण हो रहा है. यहां के छात्र अशुरक्षित और परेशानियों से झुज रहे है. ऐसी स्थिति में सरकार कौनसा कदम उठाती है इस ओर सबका ध्यान है.