Nagpur: मनपा चुनाव पश्चात् वर्ष २०१९ में लोकसभा फिर वर्षांत में विधानसभा चुनाव होने वाली है.अभी से ही लोस व विस् चुनाव हेतु सत्ताधारी भाजपा ने चुनावी घेराबंदी शुरू कर दी है.इस चुनाव में भाजपा अपने ३ वर्त्तमान विधायकों को उनके निजी कारणों को दर्शाते हुए तिसरी दफे उम्मीदवारी नहीं देंगी,उसके बदले अन्य ३ युवा ऊर्जावान भाजपाइयों को अवसर दिए जाने पर गंभीरता से विचार कर रही है.
वैसे भाजपा ने आगामी लोस व विस चुनाव के मद्देनज़र गत माह संपन्न हुए मनपा चुनाव लड़ी और नियोजित जीत का सेहरा अपने गले में डाल लिए.इस चुनाव के परिणाम पर विपक्ष सह जनता ने जरूर आश्चर्य किया।लेकिन यह भी उतना ही सत्य है कि राजनीत में जीत के लिए सब जायज है.इसी जीत के साथ भाजपा ने अपने ३ नए युवा कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव हेतु सक्रीय रखने का अप्रत्यक्ष आदेश दे दिया है.
पूर्व नागपुर: चुनावी क्षेत्र में भाजपा का विधायक है,यह विधायक खोपड़े पिछले २ चुनाव से लगातार जीत हासिल करते आ रहा लेकिन यह विधायक उतनी ही तेजी से अपने विस क्षेत्र में जनाधार खोता जा रहा है.इनकी प्राथमिकता सिर्फ इनकी समाज होने से अन्य समाज के रहवासी विरोध में आ गए है.इसके साथ ही साथ विगत वर्ष इनके पुत्र द्वारा एक घटनाक्रम में जेल की हवा खाना भी इनके लिए राजनैतिक नुकसान का शबब बन गया है.उक्त घटनाक्रम पर भाजपा शीर्ष नेतृत्व चिंतित है.शीर्ष नेतृत्वकर्ताओं की चिंता अगले विस चुनाव को लेकर ज्यादा बढ़ गई है.इस विधायक का पर्याय के रूप में वरिष्ठ नगरसेवक बाल्या बोरकर को देखा जा रहा है.बाल्या के लिए क्षेत्र के मित्र-मंडली-प्रभावी-व्यापारी सह सर्व समाज के प्रतिनिधि अभी से ही तैयारी में जुट गए है.इसका नमूना बाल्या बोरकर के जन्मदिवस पर देखने को मिल सकता है.इसकी भनक वर्त्तमान विधायक को भी है,इसलिए बाल्या के पर कतरने के लिए कोई मौका नहीं छोड़ रहा.यहाँ तक की मनपा चुनाव में बाल्या के प्रभाग का पक्ष उम्मीदवार हित में सर्व खर्च का चुकारा इस विधायक ने बाल्या के मत्थे मढ़ दिया है.
मध्य नागपुर: इस चुनाव क्षेत्र के वर्त्तमान विधायक विकास कुंभारे सिर्फ भाजपा की वजह से लगातार २ बार चुन कर आ तो गए इस दौरान उन्होंने न पक्ष हित कोई उल्लेखनीय कार्य किया और न ही अपने समाज ( मध्य नागपुर में आधा से अधिक हलबा समाज रहता है ) हित में.इसलिए भाजपा नेतृत्व अगले विस चुनाव में कुंभारे की जगह पूर्व महापौर व वर्त्तमान भाजयुमो के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रवीण दटके को मैदान में उतरने के संकेत दे दिए है.इसलिए शायद दटके को अगले एक-डेढ़ वर्ष भाजपा उनके विस क्षेत्र में सक्रियता बढ़ाने के लिए उसे अमूमन खाली-पिली रखा है.
दक्षिण-पश्चिम: इस चुनावी क्षेत्र का पिछले २ टर्म से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस खुद नेतृत्व/प्रतिनिधित्व कर रहे है.मनपा चुनाव के पूर्व उन्होंने यह क्षेत्र को राम-राम जानकारी अपने करीबियों में दी.अपने बदले इस क्षेत्र का नेतृत्व करने हेतु फडणवीस ने पूर्व नासुप्र विश्वस्त संदीप जोशी को गत मनपा चुनाव से पूर्ण सक्रीय कर दिया।इससे यह साफ़ हो गया कि फ़िलहाल अगला विस चुनाव में दक्षिण-पश्चिम से भाजपा उम्मीदवार संदीप जोशी होंगा,जोशी वर्त्तमान में मनपा में सत्तापक्ष नेता है ,यह भी जिम्मेदारी तय रणनीति के आधार पर सौंपी गई है.
पश्चिम नागपुर: इस क्षेत्र के वर्त्तमान विधायक भाजपा के सुधाकर देशमुख है,इनका भी २ टर्म समाप्त होने के कगार पर है.पिछले चुनाव में मुख्यमंत्री ने प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाकर देशमुख को पुनः उम्मीदवारी दिलवाई थी.इनका स्वास्थ्य अमूमन ख़राब रहता है.पश्चिम नागपुर में यह चर्चा है कि देशमुख का आखरी विस चुनाव है,अगले विस चुनाव में इस चुनावी क्षेत्र से भाजपा के संभावित उम्मीदवार देवेंद्र फडणवीस खुद हो सकते है.