Published On : Tue, May 27th, 2014

चंद्रपुर : जिलाधिकारी निभा रहे लोकप्रतिनिधी की भूमिका !

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जनता और प्रशासन के बीच अंतर कम करने की कोशिश

चंद्रपुर

Mhaisekar
जनता व प्रशासन के बीच की दूरी कम करने के उद्देश्य से जिलाधिकारी डा. दीपक म्हैसेकर ने अदिवासी बहुल कन्हारगांव को प्रत्यक्ष भेंट देकर उनके साथ संवाद किया और उनकी समस्याओं को सुना तथा उनका निदान करने का आदेश अधिकारियों को दिया. दुर्गम व आदिवासी गांव में एक दम से जिलाधिकारी को देखकर वहां के लोगों को आश्‍चर्य तो हुआ ही उनके खुशी का ठिकाना भी नहीं रहा.

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अधिकारियों की नियुक्ति नागरिकों को सेवा देने के लिए होती है. लेकिन अधिकांश अधिकारी स्वयं को शासक मानकर एयर कंडीश्नर कार्यालयों में ही बैठकर हुकूम चलाते रहते हैं. जिसकी वजह से नागरिकों में उनकी छबि कुछ अलग तरह की बना है.

लेकिन इससे हटकर जिलाधिकारी डा. म्हैसकर ने कुछ अलग करते हुए अधिकारियों को उनके कर्तव्य का भान दिलाने का प्रयास किया. वे जिला मुख्यालय से 45 किमी दूर गोंडपिपरी तहसील के घने जंगलों के बीच बसे वनग्राम कन्हारगांव में रात 8 आठ बजे पहुंच गए. 200 परिवार के 678 जनसंख्यावाले इस गांव के सभी लोगों को उन्होंने जिला परिषद स्कूल के खुले मैदान में बुलाया और उनके साथ बैठकर लगभग तीन घंटा खुले दिल से चर्चा की. इस समय महिलाओं ने बडी संख्या में उपस्थित रहकर जिलाधिकारी के समक्ष अपनी समस्याएं रखी.

गांव में सबसे बडी समस्या रास्तों की हैं. इसके अलवा अन्य छोटी-मोटी समस्याएं भी हैं. जिन्हे सुनकर जिलाधिकारी अचंभित हुए और संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द इन समस्याओं को सुलझाने का आदेश दिया.
इतना ही नहीं उन्होंने कान्हारगांव में ही रात गुजारी. जब उन्होंने गांव में रहने की बात कही तो लोग भाव विभोर हो गए. जिलाधिकारी ने इस दौरे में ग्रामवासियों का दिल जीत लिया.

दूसरे दिन पुन: उन्होंने गांव का निरीक्षण किया और वहां की समस्याओं को समझा. यहां के रोजगार गारंटी योजना तथा सरकारी कायरें की समीक्षा की. 5 बचत समूहों को रोजगार निर्माण पर मार्गदर्शन किया. इसी प्रकार बेरोजगार युवकों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध होने की दिशा में प्रयास करने का विश्‍वास दिलाया.

स्वास्थ्य, शिक्षा, कुपोषण, रोजगार आदि विषयों पर भी सकारात्मक चर्चा करके 15 दिनों के भीतर समस्या का समाधान करने का आदेश दिया.
इस दौरे में जिलाधिकारी के साथ उपविभागीय अधिकारी तथा रोहयो उपजिलाधिकारी चंद्रभान पराते, गोंडपिपरी के तहसीलदार मंडलिक विरानी, संवर्ग विकास अधिकारी चंद्रशेखर पुद्दटवार सहित अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे.

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