गोंदिया
गोरेगांव वनपरिक्षेत्रतंर्गत जाभुलपानी के जंगल में 2 वर्षीय चितल के शिकार करने की घटना 2-3 जून की रात के दौरान घटी. इस मामले में गोरेगांव वनविभाग ने जानकारी दी कि चितल का शिकार शिकारियों ने नही बल्कि जंगली कुत्तों ने किया है.
गौरतलब है कि गर्मी के मौसम में वन्यप्राणी पानी की तलाश में गांवो की ओर भटकते है. ऐसे में शिकारियों की टोली शिकारी कुत्तों द्वारा भी अन्य प्राणियों का शिकार किया जाता है. गोरेगांव वन परिक्षेतंर्गत जांभुलपानी के जंगल में 2 से 3 जून की रात के दौरान एक चितल के शिकार होने की घटना सामने आई.
वनविभाग से मिली जानकारी के अनुसार कुत्तों ने चितल का पीछा कर उसका शिकार किया है. इस संदर्भ में चर्चा चल रही थी कि शिकारियों ने शिकारी कुत्तों के माध्यम से शिकार किया है. जब इस बात की पुष्टि करनी चाहि तो वनविभाग के वनपाल जाधव ने स्पष्ट किया कि चितल का शिकार शिकारियों ने नही बल्कि जंगली कुत्तों ने किया है. घटना का पंचनामा वन परिक्षेत्राधिकारी विजय कदम ने किया शवविच्छेदन डॉ. पाटील ने किया है. आगे की जांच आरएफओ विजय कदम द्वारा की जा रही है.