जिलाप्रमुख सुरेंद्रसिंह चंदेल जल्द ही लौटेंगे शिवसेना में
जिला प्रतिनिधी / गडचिरोली
जिलाप्रमुख सुरेंद्रसिंह चंदेल
पिछले चार साल से चंद्रपूर और गडचिरोली जिले में माहौल बनाने वाले युवाशक्ती संगठन में बडी दरार पडने के आसार नजर आ रहे है. इस संगठन को मजबूत बनाने वाले गडचिरोली जिले के प्रमुख सुरेंद्रसिंह चंदेल जल्द ही शिवसेना मे प्रवेश करने की तैयारी में है. आनेवाले चार-पाच दिनों मे चंदेल मुंबई में शिवसेना में प्रवेश करने विश्वसनीय खबर है.
यहाँ बता दें कि, सुरेंद्रसिंह चंदेल वर्ष 2010 तक शिवसेना के जिलाप्रमुख थे़ लेकीन उस वक्त पार्टी हायकमांड ने दो जिलाप्रमुख नियुक्त करने से और 2009 के विधानसभा चुनाव में आरमोरी विधानसभा क्षेत्र से उनको टिकट न मिलने से वे अलग होकर नवनिर्मित युवा शक्ती संगठन में शामील हुए थे. इस संगठन को जिले के हर तहसील में पहुचाने मे सुरेंदसिंह चंदेल का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है. इतना ही नही बल्की जिला परिषद चुनाव में 7 सदस्य भी उन्होंने चुनके लाये थे़ जिला परिषद में युवा शक्ती संगठन के दो सभापती भी है. कुरखेडासहीत अन्य पंचायत समितीयोंमें भी युवा शक्ती संगठन के बडी मात्रा में सदस्य है़ यह सभी सदस्य सुरेंद्रसिंह चंदेल के काफी करीबी है़ जब 2012 मे विधान परिषद चुनाव हुआ, तो मितेश भांगडिया को चुनके लाने में सुरेंद्रसिंह चंदेल का बडा योगदान रहा है़ किंतु युवा शक्ती संगठन में आपसी मतभेद के चलते, चंदेल की गूट में नाराजगी है़ जब दिसंबर 2011 में गडचिरोली नगर निगम का चुनाव हुआ, तो युवा शक्ती संगठन को 13 सिटें मिली थी़ लेकिन नगर निगम में युवा शक्ती संगठन का नेतृत्व करनेवाले गूट से सुरेंद्रसिंह चंदेल गूट की अनबन बनी हुई है़ पिछले माह में गडचिरोली नगर निगम के इस गूट ने भाजप में शामील होने की चेतावनी दी थी़ यह सभी बाते युवा शक्ती संगठन केसंस्थापक बंटी उपाख्य कीर्तीकुमार भांगडिया को बताई गयी है. लेकीन भांगडिया ने दोनों में समझौते की कोशीश नहीं की़ बताया जाता है कि, कुछ दिनों से बंटी भांगडिया और सुरेंद्रसिंह चंदेल के संबंध की मिठास खत्म हो गयी है.
इस गुटबाजी से त्रस्त होकर सुरेंद्रसिंह चंदेल ने शिवसेना में वापस लौटने का निर्णय लिया है. पिछले माह जब शिवसेनाप्रमुख उद्धव ठाकरे गोंदिया में आये थे तब चंदेल ने उनसे मुलाकात की थी़ अभी चार दिन पूर्व फिरसे चंदेल ने मुंबई जाकर शिवसेना नेता मिलिंद नार्वेकर एवंम पूर्व विदर्भ संपर्कप्रमुख डॉ़दीपक सावंत से लंबी बातचित की़ शिवसेना का जिलाप्रमुखपद और आरमोरी विधानसभा की सीट यह दो प्रमुख माँगे चंदेल ने पार्टी हायकमांड से की है. आनेवाले 13 या 14 जुलाई को सुरेंद्रसिंह चंदेल शिवसेना में प्रवेश कर सकते है. खुद्द चंदेल ने इस बात की पुष्टी की है. यहा बता दे कि, गुरुवार 10 जुलाई को चंदेल ने किसानों की मांगो की लेकर लगबग पाचसौ किसानोसमेत जिलाधिश दप्तर पर दस्तक दी थी़ लेकीन, इस वक्त उन्होने युवा शक्ती संगठन के नाम का इस्तेमाल नही किया.
सुरेंदसिंह चंदेल झुंजारू लोकनेता के रूप में जाने जाते है. कोरची से लेकर सिरोंचा तक उनको माननेवाले कार्यकर्ता है. पिछले कुछ दिनों से चंदेल की शिवसेना में वापसी की खबर से शिवसेना के पुराने कार्यकर्ता पुन: शिवसेना से जुडने लगे है. वहीं युवा शक्ती संगठन में सन्नाटा छा गया है. उल्लेखनीय है कि, कुछ माह पूर्व चंद्रपूर जिले के युवा शक्ती संगठन के प्रमुख देविदास बानबले ने भी इस संगठन को ठोकर मारकर भूमिपूत्र सेना का गठन किया था़ बताया जाता है कि, जनवरी 2014 में ब्रम्हपुरी नगर निगम के चुनाव हुए़ यह चुनाव युवा शक्ती संगठन ने लडाना चाहिए, ऐसा बानबले का कहना था. किंतु भांगडिया ने उनके प्रस्ताव को ठुकराकर भाजपा को समर्थन दिया था. तबसे देविदास बानबले नाराज थे़ दुसरी बात यह है कि, बानबले को संगठन के संस्थापक ने ब्रम्हपुरी विधानसभा की टिकट देने का आश्वासन दिया था़ बादमें संस्थापक इस बात को लेकर बानबले को टालते रहे़ बानबले के कदमों पर चलते अब सुरेंद्रसिंह चंदेल भी संगठन से दूर जाने इस संगठन का भविष्य खतरे में है.