आरक्षण बचाव धिक्कार मोर्चा निकाला, धनगर समर्थक नेताओं की निंदा की
उमरखेड़
धनगर समाज ने आरक्षण मांगने का जो रास्ता चुना है वह गलत है और राजनीतिकों ने आदिवासियों के आरक्षण में किसी भी समुदाय को समाविष्ट करने की कोशिश की तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. आदिवासी समुदाय अपने अधिकारों को बचाने के लिए कुछ भी करने को तैयार है. यह धमकी भरी चेतावनी आज 20 अगस्त को निकाले गए आरक्षण बचाव धिक्कार मोर्चा की ओर से दी गई. स्थानीय कृषि उत्पन्न बाजार समिति के प्रांगण से निकले इस विशाल मोर्चे में 10 हजार से अधिक आदिवासियों ने हिस्सा लिया. मोर्चा तहसीलदार कार्यालय पहुंचा. तालुका में यह अब तक का सबसे बड़ा मोर्चा माना जा रहा है. मोर्चा की ओर से धनगर समाज के आरक्षण आंदोलन को समर्थन दे रहे नेताओं की निंदा की गई.
आरक्षण बचाव मोर्चे का नेतृत्व पूर्व विधायक उत्तमराव इंगले, प्रा. माधव सरकुंडे, शेषराव इंगले, उत्तम पांडे, दादाराव गव्हाले, डॉ. सतीश पाचपुते, रामकृष्ण चौधरी, नागोराव ढोले, वसंता मुसेवाड, प्रेमराव पांडे, शिवहार दुमारे, पंचायत समिति की सदस्या मनीषा करहाले, बाबूराव चिरंगे, रत्नमाला बुरकुले, शोभा जुडे, आशा ढोले, दुलाजी पाटिल, सखाराम तिलवाड, नवसाजी बोवले, रीना परतेती आदि ने किया.