Published On : Sat, May 24th, 2014

उमरखेड़ : न टूटे पुल बने, न चौड़ाई ही बढ़ी

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उमरखेड़ के लोगों के लिए अच्छे नहीं होंगे बारिश के दिन


उमरखेड़

पिछले साल हुई भारी बारिश के कारण पुसद-उमरखेड़, ढाणकी-उमरखेड़ और उमरखेड़-महागांव मार्ग पर स्थित पुलों से कई बार पानी गुजरा था. इससे कई दफा जनजीवन अस्तव्यस्त हुआ था और नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. बारिश फिर सिर पर है, मगर लोकनिर्माण विभाग और जिला परिषद के निर्माण कार्य विभाग के बीच तालमेल के अभाव में न तो अब तक टूटे हुए पुलों की मरम्मत की गई है और न ही उन्हें चौड़ा किया गया है. जाहिर है, इसके चलते आगे आनेवाले दिन कम से कम इस इलाके के लोगों के लिए तो अच्छे नहीं ही होंगे.उमरखेड़ के लोकनिर्माण विभाग और जिला परिषद के निर्माण कार्य विभाग में सालों से अधिकारियों के पद खाली पड़े हैं. इसके चलते टूटे हुए रास्तों की मरम्मत, खराब पुल, रास्तों का चौड़ीकरण, पुलों की ऊंचाई बढ़ाने जैसे काम अब तक नहीं हो पाए हैं.

सूत्रों का कहना है कि उमरखेड़ विधानसभा क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण प्रस्ताव योजना विभाग में भी नहीं पहुंच पाए हैं. पुसद-उमरखेड़ मार्ग पर लोनाडी (दहागांव) पुल है. उसके बाद पोफाली-पलसी रास्ते पर निलको (पलशी) पुल संकरा और खराब हो गया है. अलावा इसके इस रास्ते पर 60-60 साल पुराने बांस के बने पुल भी हैं. ये पुल अब अपनी क्षमता से अधिक वजन ढोने के लायक नहीं रहे हैं. पुसद-उमरखेड़, ढाणकी-उमरखेड़ और उमरखेड़-महागांव मार्ग पर कई बार कई वाहन पुलों में धंस चुके हैं, लेकिन पुलों की मरम्मत नहीं की गई है. लोनाडी के पुल को तो बेशरम की झाड़ियों और कीचड़ की मिट्टी ने संकरा कर दिया है. इससे जलप्रवाह सामान्य तौर पर नहीं हो पाता. प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को इस तरफ ध्यान देकर शीघ्र पुलों और सड़कों की मरम्मत कर किसानों और नागरिकों को आगे होने वाली परेशानियों से बचाना चाहिए.

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