संभाजी ब्रिगेड का आरोप, उपविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपा
उमरखेड़
सरकार ने मराठा समाज को आरक्षण तो दे दिया. अब जाति प्रमाणपत्र भी दिए जा रहे हैं. मगर सरकारी आदेश कहता है कि नॉन क्रीमिलेयर प्रमाणपत्र के बगैर तो आरक्षित वर्ग को कोई सुख-सुविधा मिल ही नहीं सकती. ऐसे में प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मराठा समाज को नॉन क्रीमिलेयर प्रमाणपत्र देने से रोका न जाए. संभाजी ब्रिगेड ने उपविभागीय अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपकर यह अनुरोध किया है. दरअसल, उपविभागीय अधिकारी कार्यालय द्वारा नॉन क्रीमिलेयर प्रमाणपत्र देने में टालमटोल करने के कारण यह ज्ञापन दिया गया है.
उच्च शिक्षा, कर्मचारी भरती में बाधा
इस टालमटोल का जिक्र करते हुए ज्ञापन में कहा गया है कि इस शैक्षणिक वर्ष में मराठा समाज के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा में और 9 जुलाई के बाद शुरू कर्मचारी भरती प्रक्रिया में शामिल होने में बाधा पैदा हो रही है. संभाजी ब्रिगेड ने कहा है कि उपविभागीय अधिकारी कार्यालय द्वारा मराठा समाज को नॉन क्रीमिलेयर प्रमाणपत्र देने की कार्रवाई शीघ्र प्रारंभ की जाए. इस अवसर पर ब्रिगेड के सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे.
अलग आदेश की जरूरत नहीं
संभाजी ब्रिगेड के जिलाध्यक्ष गुणवंत सूर्यवंशी ने कहा है कि मराठा समाज को नॉन क्रीमिलेयर प्रमाणपत्र देने में आनाकानी करने वाले अधिकारियों को सरकार के आदेश का अच्छी तरह से अध्ययन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि ओबीसी का नॉन क्रीमिलेयर प्रमाणपत्र का नमूना ईएसबीसी को लागू होता है तो मराठा समाज के लिए राज्य सरकार और जिलाधिकारी के अलग आदेश का इंतजार करने में कोई अर्थ नहीं है.