उमरखेड़ के उपविभागीय अधिकारी पारनाईक पर आरोप, हटाने की मांग
उमरखेड़
अपनी समस्याओं को लेकर राजस्व विभाग के उपविभागीय अधिकारी पारनाईक के पास गए चिखली (वन) के किसानों और सरपंच को अधिकारी ने ऐसा धमकाया और अपमानित किया कि सरपंच वहीं पर गश खाकर गिर पड़े. किसान और सरपंच इलाके में बारिश नहीं होने से खेती में दोबारा बुआई की आशंका के संबंध में ज्ञापन देने गए
थे. पीड़ित किसानों और सरपंचों ने ऊपरी स्तर पर अधिकारी की शिकायत कर उन्हें यहां से हटाने की मांग की है.
हर साल अल्पवर्षा के शिकार
वर्तमान में हालत यह है कि बारिश के सवा महीने बीत चुके है, मगर बारिश ने अपनी झलक नहीं दिखाई है. बंदिभाग के अधिकांश गांव वैसे भी हर साल अल्पवर्षा के शिकार होते हैं. इस साल भी इन किसानों ने खरीफ की बुआर्ई की. महंगे बीज और खाद खरीदी. इस उम्मीद में कि बारिश आएगी तो उनकी मेहनत सफल हो जाएगी. मगर बारिश ने उनकी अनदेखी कर ली.
परिवार चलाना भी मुश्किल
प्राकृतिक कोप के शिकार किसानों के लिए संकट जैसे रोजमर्रा की बात हो गई है. पिछले साल अतिवृष्टि के कारण गीले अकाल का सामना करना पड़ा, तो इस साल बारिश ही नहीं होने से सूखा पड़ने की आशंका पैदा हो गई है. लगातार संकट और समस्याओं के पिसते किसानों के लिए जीवन काटना और अपना परिवार चलाना भी दूभर होता जा रहा है.
न व्यथा सुनी, न दिलासा दिया
इन्हीं समस्याओं से दो-चार चिखली (वनग्राम) के सरपंच किशोर चव्हाण और गांव के किसान 4 जुलाई को दोबारा बुआई के संबंध में ज्ञापन देने उमरखेड़ के राजस्व उपविभागीय अधिकारी पारनाईक के पास गए थे. किसानों की व्यथा सुन उन्हें दिलासा देना तो दूर, पारनाईक ने उन्हें धमकाया. अपमान किया.
शिकायत, कार्रवाई की मांग
आखिर 5 जुलाई को सरपंच और किसानों ने इस पूरे मामले की शिकायत बा. स. उपसभापति भैया नाईक और पंचायत समिति के सदस्य मोहन नाईक से की. इतना ही
नहीं, राज्य सरकार के मंत्री मनोहर नाईक और विधायक विजय खड़से तक भी अपनी शिकायत पहुंचाई. इन लोगों ने पारनाईक को यहां से हटाने की मांग की है.