अर्जुनी मोरगांव.
अर्जुनी मोरगांव तालुके के वनविभाग के गोठनगांव वनपरीक्षेत्र में वनविश्रामगृह परिसर की वॉल कंपाउंड को नए सिरे से बनाने की बजाय पुरानी तार की वाल कंपाउंड का ही रंगरोगन करने की बात सामने आई है। सुचना के अधिकार के माध्यम से मिली जानकारी के मुताबिक़ साल २०१३-१४ में गोठनगांव वनपरीक्षेत्र अंतर्गत वनविश्रामगृह के परिसर की वॉल कंपाउंड के निर्माणकार्य को वनविभाग की ओर से मंजूरी दी गयी। कुल ६३२ मीटर वॉल कंपाउंड बनाने की मंजूरी दी गयी थी। इसके अलावा हर १.२ मीटर पर पांच और २.५ मीटर पर ५ बाय ५ व ६ एमएम लोहे के खम्बें लगने की बात अगग्रीमेंट में कही गयी है। इस काम के लिए कुल २ लाख २७ हज़ार ५२० रूपए मंज़ूर किये जाने की जानकारी सुचना के अधिकार के माध्यम से प्राप्त हुयी है। लेकिन नए तारों और लोहे के खम्भों की बजाये पुराने ढाँचे का ही रंगरोगन कर दिए जाने की जानकारी सामने आई है। महज़ कुछ कुछ जगहों पर ही नए लोहे के खम्भों का इस्तेमाल हुआ है बाकी सारा ढांचा पुराना ही है। खम्भों के निचले ज़मीन के हिस्से में सीमेंट लगाकर नए खम्भें लगाए जाने का दिखावा बड़ी चालाकी से किया गया है।
गौरतलब है की उमरपायली-गांधारी मार्ग पर भी इन्ही वनाधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत से निर्माणकार्य में गड़बड़ी का खुलासा पहले भी हुआ था। गोठनगांव वनपरीक्षेत्र में वनविश्रामगृह परिसर की कंपाउंड वॉल के निर्माणकार्य में हुए घोटाले की जांच की मांग उठ रही है। वैसे इस मामले से वनविभाग में होने वाले घोटालों की पोल खुल गई है। ज़रूरी है की कड़े कदम उठाकर इन सब पर लगाम लगाया जाए।