Published On : Tue, Apr 15th, 2014

गोंदिया: 15 लाख की आबादी पर केवल चार दमकल गाड़ियां

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गोंदिया जिले के नागरिकों की सुरक्षा खतरे में  

File Pic

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गोंदिया.

15 लाख से अधिक की आबादी वाले गोंदिया जिले में आग लगने पर उसकी सुरक्षा का जिम्मा दमकल विभाग की कुल 4 गाड़ियों पर है. इसमें गोंदिया नगर पालिका के पास 3 और तिरोडा नगर पालिका में 1 गाड़ी है. कई बार तो दमकल गाड़ियों के पहुंचने से पहले ही सब-कुछ खाक हो जाता है और लोगों के सामने सिवाय अपना पाई – पाई जमा कर जोड़ा संसार खाक होता देखने के और कोई चारा नहीं बचता.

अब तक अरबों की संपत्ति खाक 

वैसे भी गर्मी के दिनों में आग लगने की घटनाओं में भारी वृद्धि हो जाती है. इसमें जनहानि के साथ ही बड़े पैमाने पर वित्तीय हानि भी होती है. प्रत्येक जिले में अग्निशमन व आपदा प्रबंधन की अलग व्यवस्था होती है, मगर जिले में ये प्रबन्ध नाकाफी हैं. जिले के अतिदुर्गम भागों की हालत तो और ज्यादा ख़राब है. वहां तो आग लगने पर संपत्ति के खाक होने के बाद ही दमकल गाड़ियां पहुंच पाती हैं. इसके चलते जिले में अब तक अरबों की संपत्ति आग की भेंट चढ़ चुकी है.

हर साल आगजनी की 150 घटनाएं 

गोंदिया नगर पालिका के अग्निशमन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में हर साल आगजनी की 100 से 150 घटनाएं होती हैं. शहर के निकटवर्ती स्थानों में आग लगने पर अग्निशामक विभाग त्वरित आग पर काबू पा लेता है, परंतु सालेकसा, देवरी, आमगांव व अर्जुनी मोरगांव तालुका के गांवों के बीच का अंतर 70 से 100 किमी. होने के कारण दमकल गाड़ियां कभी समय पर घटनास्थल पर पहुंच ही नहीं पाती और संपत्ति जलकर खाक हो जाती है. अनेक स्थानों पर तो वित्तीय नुकसान के साथ ही जनहानि भी हो जाती है. तिरोडा नगर पालिका में  6 – 7 माह पूर्व ही अग्निशमन गाडी उपलब्ध कराई गई है, लेकिन आवश्यक कर्मचारियों के अभाव में इन गाड़ियों की कोई अहमियत नहीं हैं.

शॉर्ट सर्किट सबसे बड़ा कारण

लोगों के घरों और दुकानों में सामान्यतः गर्मी के दिनों में अप्रैल से जून के दरम्यान बड़े पैमाने पर आग लगने की घटनाएं होती हैं. आग लगने के अनेक कारण होते हैं, हालांकि शॉर्ट सर्किट से आग लगने की घटनाएं सर्वाधिक होती हैं. गोंदिया अग्निशमन विभाग के अनुसार जिले में पिछले 9 वर्षों में आग की करीब 910 घटनाएं दर्ज की गईं, जिसमें करीब 100 घटनाएं शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने की थी. गोंदिया के निकटवर्ती स्थानों में लगी आग पर काबू पाने में यहां का दमकल विभाग सफल रहा. इसमें जहां करोड़ों की संपत्ति बचाई जा सकी, वहीं अरबों की संपत्ति आग में जलकर स्वाहा भी हो गई.

तालुका मुख्यालय में एक गाड़ी तो हो ही 

गोंदिया से 70 से 100 किमी. दूर के स्थानों तक यहां की दमकल गाड़ियों का समय पर पहुंचना संभव नहीं होता. दमकल विभाग तक सूचनाएं पहुंचाने के बावजूद गाड़ियां समय पर घटनास्थल पर पहुंच नहीं पातीं और संपत्ति खाक हो जाती है, जिससे नागरिकों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. कई बार तो जनहानि तक हो जाती है. गर्मी के दिनों में एक तरफ बढ़ते तापमान के साथ ही आग लगने की घटनाएं, गांवों में पानी की किल्लत और आंखों के सामने ही लाखों की संपत्ति का स्वाहा होना लोगों के लिए बड़ी परेशानी का सबब होता है. इसके चलते जिले के दुर्गम इलाकों में और कम से कम तालुका मुख्यालय के शहर में कम से कम एक गाड़ी तो होना जरूरी है.