पुलिस की समय-सूचकता से पकड़ ली गईं 6 घंटे में ही
अमरावती
चार बच्चियां. उम्र 8 से 12 साल. जा रहीं थी मुंबई. इन बच्चियों को पता चला था कि टीवी पर आनेवाले उनके मनपसंद शो की परी उन्हें मुंबई में ही मिलेगी. 190 रुपए लेकर चारों सहेलियां पहुंच गईं बडनेरा रेलवे स्टेशन. भला हो पुलिस का, जिसने समय-सूचकता दिखाकर 6 घंटे के भीतर ही चारों बच्चियों को पकड़कर सही-सलामत उनके घर पहुंचा दिया.
माता-पिता को बिना बताए छोड़ा घर
किसी परी कथा सी लगने वाली यह घटना अमरावती जिले के खोलापुर की है. 8 से 12 साल आयु की ये बच्चियां टीवी पर आने वाले सीरियल ‘बालवीर’ की परी पर फ़िदा थीं. वे उस परी से मिलना चाहती थीं. उन्हें लगा, परी तो मुंबई में मिल सकती है. बस, फिर क्या था. चारों सहेलियां बिना अपने माता-पिता को बताए सोमवार 1 सितंबर की सुबह साढ़े 9 बजे घर से निकल गईं. उनके पास उस वक्त थे सिर्फ 190 रुपए. चारों एसटी बस से अमरावती पहुंची. वहां से लोकल पकड़कर बडनेरा आईं और प्लेटफॉर्म क्रमांक एक पर मुंबई जाने वाली ट्रेन का इंतजार करने लगीं.
अभिभावक सीधे पहुंच गए थाने
उधर, जब बहुत देर बाद भी बाहर गई लड़कियां घर नहीं लौटीं तो उनके पालकों को चिंता हुई. चारों सीधे खोलापुर पुलिस स्टेशन पहुंच गए. जानकारी मिलते ही थानेदार ने इस संबंध में पुलिस अधीक्षक विरेश प्रभु से बात की. मामला गंभीर था. प्रभु ने तेजी से जांच शुरू करवाई. इसी बीच, रेलवे पुलिस को ये चार छोटी-छोटी बच्चियां संदेहजनक अवस्था में स्टेशन पर नजर आईं. रेलवे पुलिस चारों को लेकर थाने आई. चारों बच्चियों से पूछताछ की गई. फिर शहर पुलिस से संपर्क किया गया. शहर पुलिस को चार बच्चियों के संबंध में पहले ही संदेश मिल चुका था. शहर पुलिस ने इसकी सूचना ग्रामीण पुलिस को दी.
तेजी से घूमा जांच-चक्र
सूचना मिलते ही ग्रामीण पुलिस मुख्यालय की पीएसआई रीता उइके बडनेरा पहुंचीं. बच्चियों को अपने ताबे में लिया. चारों बच्चियों के अभिभावकों को अमरावती बुलाया गया. बच्चियों ने पूछताछ में बताया कि वे अपनी ‘परी’ से मिलने के लिए मुंबई जा रहीं थी. अभिभावकों के अमरावती आने पर उनके बयान दर्ज किए गए और बच्चियों को उनके सुपुर्द किया गया.
. . . तो क्या होता
पुलिस की समय-सूचकता का ही ये परिणाम था कि चारों बच्चियां सही सलामत खोज ली गईं. अगर यहां भी देर हो गई होती तो क्या होता ?
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