Published On : Sat, Mar 29th, 2014

चिमुर : मतदान के लिए करों ‘नोटा’ का इस्तेमाल , नारायण जांभुळे का आवाहन

Advertisement

20140329_181610

चिमुर – पृथक विदर्भ के मांग के लिए शासन व लोकप्रतिनिधी का नजर अंदाज होने से विदर्भ का विकास जैसा चाहिए वैसा हुआ नहीं है। पृथक विदर्भ की निर्मिती यह विदर्भ के सभी जनता की मांग है। लेकिन राजनेता केवल मतों के लिए राजनिती कर के विदर्भ की मांग को दुर्लक्षित कर रहे है। इस अन्याय के विरुद्ध में आने वाले लोकसभा चुनाव में ‘नोट'(चुनाव में खड़ा ऐसा कोई भी नही ) की बटन दबाकर मतदान करने वाले है। ऐसी जानकारी विदर्भवादी स्वाभिमानी संघटना के संयोजक जांभुळे ने आयोजित पत्रकार परिषद् में दी।

विस्वास के पदाधिकारियों ने २९ मार्च  के हुए पत्रकार परिषद में बताया की, स्वतंत्र विदर्भ निर्माण की मांग अनेक वर्षों से है। १८८८ से पृथक विदर्भ की मांग है। विदर्भ राज्य के मांग के लिए अनेक जनआंदोलन भी हुए। लोकप्रतिनिधीयों ने सिर्फ इस्तेमाल किया। उनके इस नीती से विदर्भ का विकास रुका हुआ है। ओबीसी के आरक्षण व आदिवासी के लिए आयोजित करने के योजना की जानकारी तथा निधी का विनियोग इस समस्याओं से लड़ना पड रहा है। १९६० में राज्य पुनर्रचना में विदर्भ अलग होने की संभावना होते हुए भी यह नही हुआ।

Gold Rate
28 April 2025
Gold 24 KT 95,700 /-
Gold 22 KT 89,000 /-
Silver / Kg 97,200 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

विदर्भ में नैसर्गिक संपत्ती बड़े पैमाने पर है। इस भाग में पथरी कोयले की खाने बड़े पैमाने पर है। विदर्भ का शैक्षणिक व सामाजिक विकास भी रुका है। विदर्भ के दलितों को सन्मान नहीं मिल रहा। राज्यपाल को अनेक अधिकार होते हुए भी विदर्भ के विकास में कभी ध्यान नहीं दिया। विदर्भ के जनता के पास मौक़ा होने के बावजूद भी पृथक विदर्भ के बारे में सीधा मत विदर्भ राज्य करने की हिंमत किसी भी नेता में नही दिख रही। मतदान करते समय विदर्भ के विकास के लिए निष्क्रीय उमेदवार को मतदान न करते ‘नोट'(चुनाव में खड़ा ऐसा कोई भी नही ) की बटन दबाकर करे। ऐसा आवाहन विदर्भवादी स्वाभिमानी संघटना के संयोजक नारायण जांभुळे ने किया। इस पत्रकार परिषद में नारायण जांभुळे, संजीव शेरकर, रविन्द्र काळमेघ आदि उपस्थित थे।

Advertisement
Advertisement