Published On : Sat, Mar 29th, 2014

आमगाँव: पॉलीथीन बनी लोगों के लिए परेशानी का सबब

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– शहर कूडेदान के रूप में हो  रहा तब्दील 

– नगर प्रशासन की अनदेखी 

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आमगाँव: शहर में पॉलीथीन पर रोक व कूड़ेदान की सही व्यवस्था नहीं होने से पूरा शहर कूड़ेदान में तब्दील होता जा रहा है। जागरूकता के अभाव में पॉलीथीन के  उपयोग के कारण शहर के कई हिस्से व  नालियाँ पॉलीथीन से भरे पड़े हैं। प्रशासन की ओर से प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगाना पर्यावरण के लिए बेहद ज़रूरी है। खाने पिने कि वस्तुएँ, सब्ज़ियाँ, फल ये सबकुछ लोग प्लास्टिक की थैलियों में लाते-ले जाते हैं।  दुकानदार भी  सामन देने के लिए प्लास्टिक की थैलियों का ही इस्तेमाल करते हैं।

गौरतलब है की केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार २० माइक्रोन से कम मोटाई वाली पॉलीथीन पर प्रतिबन्ध है। लेकिन इस सन्दर्भ में ना तो कोई चेकिंग होती है और ना ही इसपर अंकुश लगाने का कोई प्रयास किया जा रहा है।

प्लास्टिक थैलियों को लेकर आम लोगों में जनजागृति किये जाने की सख्त आवश्यकता है। प्रशासन को इस ओर ठोस मुहीम चाले की ज़रूरत है।

साप्ताहिक सब्ज़ी बाज़ार के दिन बाज़ार मैदान का नज़ारा ऐसा होता है मानो प्लास्टिक थैलियों कि चादर बिछी हो।

ये ज़हरीली पॉलीथीन इंसानो के अलावा मवेशियों के लिए भी परेशाली का सबब बनी हुई है।  मवेशी सब्ज़ियों के साथ मैदान में पडी प्लास्टिक थैलियों को भी खा लेते है जिससे उनके स्वास्थ पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है।

चाइनीज़ पोलीथीन पड रही भारी 

बीते कुछ वक्त में रंगबिरंगी चाइनीज़ पॉलीथीन इस्तेमाल बढ़ा है। ये पॉलीथीन मज़बूत होती है पर पतली।  जिससे लोग इसका इस्तेमाल करते है।  मवेशी इन रंगबिरंगी प्लास्टिक थैलियों को खा लेते है जो उनके स्वस्थ के लिए बिलकुल भी अच्छा नहीं है। मुख्य बात ये है की लोग इन थैलियों को रस्ते पर यहाँ वहाँ फेक देते है। इन चाइनीज़ पोलीथीन पर रोक तो दूर लोग इन सुन्दर दिखने वाली थैलियों में सामान लेना शान समझते है। स्थानीय साधारण प्लास्टिक थैलियों पर ये चाइनीज़ पॉलीथीन भारी पड रही है।

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खतरनाख है पॉलीथीन का उपयोग 

वैसे तो लोगों को इस बात कि जानकारी है की  प्लास्टिक थैलियां खतरनाक और जानलेवा है।  बावजूद इसके लोग इससे परहेज़ नहीं करते। जानकारों की माने तो इसे चबाने से निकली ज़हरीली गैस ऑक्सीजन से घुले तो फेफड़ों को प्रभावित करती है। इन प्लास्टिक थैलियों से वातावरण तो प्रदूषित होता ही है साथ ही मिटटी में इसके मिलने से मिटटी कि उर्वरक क्षमता धीरे धीरे खत्म हो जाती है।