सराफा व्यवसायी निर्दोष
चिमूर.
लोकसभा चुनाव के चलते पुलिस ने जगह – जगह के नाके पर जाँच शुरू की थी। इन नाकों की वजह से चुनाव के दौरान अवैध तरीके से होने वाले पैसों के लेन देन पर रोक लगाने के लिए चुनाव आयोग का लक्ष था। लेकिन इस दौरान कई निर्दोष लोगों को भी इसके कारण परेशानियों का सामना करना पडा था। चिमूर के प्रतिष्ठित व्यापारी भरत कावरे की भी गाडी को लोकसभा चुनाव के सन्दर्भ में स्टॅटिक सर्विलेंस टीम ने चिमूर के हज़ारे पेट्रोल पंप के पास पकड़ा था। जांच में टीम को गाडी से १ लाख ९५ हज़ार रूपए मिले थे गाडी और पैसों को पुलिस की ओर से ज़ब्त कर लिया गया था। हालाकि कावरे ने अपनी सफाई देते हुए कहा था की वो सराफा व्यापारी है और मंगलवार को चिमूर का सराफा बाज़ार बंद होने के कारण वो नागपुर से सोने और चांदी की खरीदारी करने के लिए जा रहे थे। कावरे ने पुलिस को ये भी बताया की उनका किसी भी राजनैतिक पार्टी से कोई सम्बन्ध नहीं है लेकिन उनकी लाख सफाई के बाद भी पुलिस ने उनकी गाडी और रकम जमा कर उनके खिलाफ मामला दर्ज़ किया था।
इस सन्दर्भ में कावरे ने चुनाव आयोग में शिकायत की और आयोग ने मामले की जांच के बाद कावरे को निर्दोष पाया। आयोग ने उनकी ज़ब्त की हुई रकम वापस करने के निर्देश पुलिस को दिए।
इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता की सही तरह से जांच ना होने के कारण ही कावरे को बेवजह परेशानी उठानी पड़ी। २० दिनों तक ज़ब्त की गई राशि कब्ज़े में होने के कारण इसका असर कावरे के व्यापार पर हुआ है।
सर्विलेंस टीम को भेजे गए पत्र में लिखे निर्देशों के अनुसार अगर पैसों के साथ किसी पार्टि से संबन्ध होने का कोई सबूत नहीं मिलता तो पैसों को ज़ब्त ना किया जाए लेकिन फिरभी सर्विलेंस टीम ने कावरे की गाडी में मिले पैसों को ज़ब्त किया जिससे साफ़ साफ़ लापरवाही का पता चल रहा है।
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