उमरखेड़ तालुका के ग्रामसेवक, ग्राम विकास अधिकारी आंदोलन में शामिल
उमरखेड़
अपनी 6 मांगों के समर्थन में ग्रामसेवकों ने कल 2 जुलाई से उमरखेड़ तालुका में बेमुद्दत काम बंद आंदोलन प्रारंभ कर दिया है. महाराष्ट्र राज्य ग्रामसेवक यूनियन की सिंधुदुर्ग जिले के अंबोली में 14 जून को हुई राज्य कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए निर्णय के मुताबिक संगठन की तालुका शाखा के नेतृत्व में आंदोलन शुरू हुआ है.
जिन 6 न्यायोचित मांगों को लेकर ग्रामसेवकों ने आंदोलन आरंभ किया है उनमें ग्रामसेवक और ग्राम विकास अधिकारियों की वेतनत्रुटि को दूर करने, ग्राम पंचायत स्तर पर नरेगा के लिए स्वतंत्र विभाग का गठन करने, ठेके पर कार्यरत ग्रामसेवकों के कार्यकाल की गणना ठेका शिक्षकों की तरह ही नियुक्ति के दिन से करने, 20 ग्राम पंचायतों पर एक विस्तार अधिकारी का पद सृजित करने, वेतन के अलावा 3 हजार रुपए यात्रा भत्ता देने और ठेका ग्रामसेवकों को पेंशन सुविधा देने के संबंध में सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की मांग शामिल हैं. पेंशन योजना के लाभ से वंचित ये ठेका ग्रामसेवक सरकार की गलती का खामियाजा भुगत रहे हैं.
तालुका शाखा अध्यक्ष पी. डी. पतंगे, कार्याध्यक्ष ओ. एस. कोथलकर, जिला उपाध्यक्ष वी. बी. मुंडे, महिला जिला उपाध्यक्ष कु. एन. पी. कांगणे, एस. बी. कोंडावार, पी. जी. जोगदंड, एस. के. इश्वारे, डी. सी. सुरोशे और अमोल चव्हाण सहित तालुका के सभी ग्राम विकास अधिकारी और ग्रामसेवक आंदोलन में शामिल र्है.
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