नागपुर: जिला परिषद के लघु सिंचाई विभाग की ओर से ‘गाद मुक्त बांध और गाद मुक्त तालाब’ अभियान शुरू किया गया है. जिसमें नागपुर जिले के तालाबों से गाद निकाले जाने की पहल फिर से चलाई जा रही है. रामटेक और पारशिवनी तहसील से इस अभियान की शुरुआत हो चुकी है. महादुला का पाझर तालाब, उमरेड का कलान्द्री तालाब, हिंगणा का चिंचोली स्थित पठार तालाब में कार्य जारी है. नागपुर जिले में 124 लघु सिंचाई वहीं मालगुजारी तालाबों की संख्या 214 है. लघु सिंचाई विभाग को तालाबों से गाद निकालने के लिए 22 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं. कलान्द्री तालाब से अब तक 18 हजार घन मीटर गाद निकाली जा चुकी है. चिंचोली के तालाब से भी 15 हजार घन मीटर गाद निकाली गई है.
गाद निकालने का कार्य पूरी तरह से जिला परिषद के लघु सिंचाई विभाग पर ही निर्भर नहीं है. विभाग की ओर से कुछ निजी कंपनियों और तहसीलदारों को भी अपने निजी सहयोग से यह कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है. रामटेक स्थित तालाबों का गाद ओरिएण्टल कंपनी की ओर से निकाली जा रही है. भिवापुर में यह कार्य तहसीलदार द्वारा किया जा रहा है. मांडवा व देवड़ी में तहसीलदारों ,कपिलेश्वर में पॉवरग्रिड कंपनी और कुही में टाटा ट्रस्ट की ओर से यह गाद निकालने का कार्य चल रहा है.
जिला परिषद के लघु सिंचन विभाग के कार्यकारी अभियंता नरेश सहारे ने बताया कि गाद निकालना मानसून आने तक शुरू रहेगा. गाद निकालने का उद्देश्य तालाबों को साफ करने के साथ ही उनको गहरा करना भी है. उन्होंने बताया कि उन्ही तालाबों से गाद निकाली जा रही है, जहां के किसान गाद को अपने खेत में डालने को तैयार हो रहे हैं.