यवतमाल। महाराष्ट्र में पहली बार 1501 महिला भक्तों द्वारा सामुहिक संगीतमय भजन समेत श्री दादीजी मंगलपाठ करेंगे. सके साथ ही दादाजी का अलौकीक दिव्य श्रृंगार, पावन अखंड ज्योति, छप्पन भोग का प्रसाद ऐसा एक दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है.
21 जुन की दोपहर 12 बजे यह कार्यक्रम प्रारंभ होगा. इस मंगलपाठ के रसमय पठन में राष्ट्रीय यक कुंदन मिश्रा (मुंबई) मुख्य पाठक रहेंगे. इसी के साथ प्रतिक्षा उर्फ मोना मुकेश अग्रवाल (17) यह सुमधूरवाणी से भजन स्तूत करेंगी. इस मांगलीक महोत्सव में सहपरिवार उपस्थित रहने का आवाह्न आयोजक समिति द्वारा किया गया है. अधिक मास के उपलक्ष्य में यह आयोजन किया गया है. इसमें लगभग आठ राज्यों के महिला भक्त उपस्थित रहनेवाली है. उनके खान-पान, निवास की व्यवस्था भी की गई है. इन सभी को आयोजकों की ओर से चुनरी, मंगलपाठ पुस्तिका, मेहंदी कोन, गजरा, पानी की बोतल आदि दिया जाएगा. जिन आठ राज्यों के भक्त इसमें हिस्सा लेनेवाले है, उसमें मध्यप्रदेश, छत्तिसगढ़, महाराष्ट्र, कोलकाता, तेलंगाना, बिहार, असम, आंध्रा का समावेश है.
सुबह 9.30 बजे मंगलपाठ पठन करनेवाली महिलाओं को पहचानपत्र दिया जाएगा. 11 बजे अखंड ज्योत का प्रज्वलन होगा, बाद में 1 बजे तक बाहर गाव से आये सभी को नाश्ता, भोजन दिया जाएगा, 1 बजे संगीतमय मंगलपाठ शुरू हो जाएगा जो लगातार 5 घण्टों तक चलेगा. बाद में बनारस से आये ब्राम्हणों द्वारा महाआरती की जाएगी. उसके पश्चात महाप्रसाद का वितरण होगा. यह मंगलपाठ जहां हो रहा है उसका नामकरण श्री नारायणी धाम, राणीसती मंदिर परिसर स्थित लकडग़ंज यवतमाल में रखा गया है. यह कार्यक्रम ठीक से सफल हों इसलिए पंद्रह समितियों का गठन किया गया है. सभी समितियों में आयोजक समिति के सदस्य का समावेश है.