Published On : Tue, Oct 23rd, 2018

इमर्जेंसी से बदतर हालत : सिन्हा

नागपुर: भाजपा से बाहर हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि मोदी सरकार के कारण देश में इमर्जेंसी से भी बदतर हालात बन गए हैं. सरकार व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर अमित शाह का एकतरफा कब्जा हो गया है. इस सरकार में मंत्रियों की कोई अहमियत नहीं है. हालत यह है कि समाचार चैनलों के विषय भी पीएमओ के निर्देश पर तय होने लगे हैं. देश की रक्षा से जुड़ा राफेल सौदा हो जाता है और रक्षा मंत्री को इसकी भनक भी नहीं लगती. गृह मंत्री को पता ही नहीं चलता और जम्मू-कश्मीर में सरकार का समर्थन वापस ले लिया जाता है.

विदेश मंत्री किसी दूसरे देश के विदेश मंत्री से चर्चा तो दूर, बात भी नहीं कर पातीं. उनके कार्यक्रम रद्द करवा दिए जाते हैं. नोटबंदी लागू की जाती है और वित्त मंत्री को इसकी जानकारी तक नहीं होती. ऐसे अनेक उदाहरण हैं जो यह साबित करते हैं कि इस सरकार में सारे मंत्री बौने बने हुए हैं. सरकार में केबिनेट का कोई मतलब ही नहीं रह गया है. सिन्हा ने कहा कि इंदिरा गांधी के समय देश में लगाई गई इमर्जेंसी से भी बदतर हालात हो गए हैं. मंत्रियों को काम नहीं करने दिया जा रहा है. न्यायपालिका पर भी दबाव डालने का प्रयास हो रहा है.

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हालत यह है कि जीवन बीमा निगम में जनता का जमा पैसा सरकार खर्च कर रही है. अमेरिका में 10 वर्ष पूर्व आई आर्थिक मंदी का संकट अब भारत में बनने लगा है. उन्होंने कहा कि इस सराकर को हटाने की जरूरत है. इसके लिए महागठबंधन की जरूरत नहीं है, बल्कि प्रादेशिक स्तर पर पार्टियों व संगठनों से गठबंधन कर मोदी के विरोध में चुनौती खड़ी की जा सकती है. वे जय जवान जय किसान संगठन के कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे. सिन्हा के साथ सांसद शत्रुघ्न सिन्हा, संजय सिंह, विधायक आशीष देशमुख, प्रशांत पवार, दुनेश्वर पेठे उपस्थित थे.

भुगतान संकट की बन रही स्थिति
सिन्हा ने प्रधानमंत्री की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश में मौजूदा भाजपा सरकार को चुनौती देने का माहौल बन गया है. सत्ता परिवर्तन के लिए किसी महागठबंधन की जरूरत नहीं है जिसे लेकर भाजपा ही भ्रमित कर रही है. इस सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए प्रादेशिक स्तर पर राजनीतिक पार्टियों व अन्य संगठनों का गठबंधन ही काफी है. उन्होंने कहा कि जनता जब परेशान होती है तो सत्ता में बैठे लोगों को बदल डालती है.

आज देश की आर्थिक हालत ध्वस्त हो रही है. हर परिवार परेशान हो गया है. देश में भुगतान संकट की स्थित बन रही है. बेटे जयंत सिन्हा के संदर्भ में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एक ही परिवार के 2 सदस्यों में अक्सर सहमति नहीं होती है. सबका अपना दिमाग है. उन्होंने कहा कि मैं अब तक बेटे को समझा नहीं पाया हूं और वह भी मुझे कन्विन्स नहीं कर पाया है.

RSS ने पोशाक बदली, चेहरा नहीं
सिन्हा ने आरएसएस की बदलती भूमिका के संदर्भ में सवाल पर कहा कि उसकी पोशाक बदली है, चेहरा व नीति नहीं. उन्होंने कहा कि सरसंघचालक मोहन भागवत ने दशहरे के दिन सरकार से यह अपील की कि राम मंदिर बनाने के लिए वह कानून बनाए. इससे ही यह साबित होता है. उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, ऐसे में संसद में इस पर कानून कैसे बनाया जा सकता है, जबकि भाजपा भी पहले कह चुकी है कि अयोध्या में मंदिर निर्माण सहमति से बने. उन्होंने कहा कि आरएसएस कई मामलों में यह दिखाने का प्रयास जरूर कर रहा है कि उसमें बदलाव आया है, लेकिन कुछ बदला नहीं है.

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