Published On : Fri, Jun 16th, 2017

नियमों को ताक पर रख, नए विद्यार्थियों को प्रवेश देने सेंट जॉन स्कूल ले रहा विद्यार्थियों की लिखित परीक्षा

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नागपुर:
विद्यार्थियों को लेकर स्कूलों की अनियमित्ताएं इन दिनों काफी देखने को मिल रही है. बच्चों का एडमिशन हो या फिर फीस से जुड़ा विषय. ऐसे कारणों को लेकर अभिभावकों को ही परेशान होना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला मोहन नगर की स्कूल में सामने आया है. स्कूल का नाम है सेंट जॉन हाई स्कूल. इस स्कूल में नियमों को ताक पर रखकर पांचवीं कक्षा से लेकर नौवीं कक्षा और पहली कक्षा से लेकर चौथी कक्षा तक प्रवेश लेने के लिए नए विद्यार्थियों से लिखित परीक्षा ली गई है. जिसका नोटिस बाकायदा स्कूल के नोटिस बोर्ड पर लगाया गया है. इसकी जानकारी विद्यार्थियों के अभिभावकों को नहीं दी गई. शुक्रवार को जब वे स्कूल गए और उन्होंने अपने बच्चों के एडमिशन के सन्दर्भ में स्कूल प्रबंधन से जानकारी मांगी तो उन्हें नोटिस पढ़ने की राय दी गई. जिसके बाद अभिभावकों को जानकारी मिली की नोटिस लिखित परीक्षा देने की है.

शिक्षा के अधिकार के नियम अंतर्गत विद्यार्थियों के प्रवेश के लिए किसी भी तरह की लिखित परीक्षा नहीं ली जा सकती. साथ ही इसके अभी स्कूलों की छुट्टियां चल रही हैं और ऐसे में स्कूल की ओर से विद्यार्थियों को प्रवेश देने के लिए परीक्षा ली जा रही है. जबकि शिक्षा विभाग और जिलाधिकारी की ओर से आदेश है कि 26 जून के बाद ही स्कूल शुरू की जाए. उससे पहले बच्चों को स्कूल में न बुलाया जाए. बावजूद इसके सेंट जॉन स्कूल ने नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बच्चों के प्रवेश के लिए पहले तो परीक्षा आयोजित की और उसके बाद छुट्टियों में स्कूल भी शुरू की.


स्कूल में गए एक अभिभावक ने जानकारी देते हुए बताया कि वे अपनी बेटी और बेटे के प्रवेश के लिए कुछ दिन पहले सेंट जॉन स्कूल गए थे. जहां उन्हें स्कूल प्रबंधन ने एडमिशन के लिए फोन कर बुलाया. लेकिन जब वे 15 जुलाई को स्कूल पहुंचे और जानकारी मांगी तो स्कूल प्रबंधन ने नोटिस बोर्ड पढ़ने को कहा. जब उन्होंने प्रबंधन से कहा कि आपने फोन कर जानकारी देने की बात कही थी, तो स्कूल के सुपरवाइजर ने अभिभावकों से कहा कि आपको फोन कर जानकारी देना स्कूल का काम नहीं है और अगर आपको जानकारी चाहिए थी तो आपको स्कूल आना चाहिए था.

इस बारे में आरटीई एक्शन कमेटी के चेयरमैन मो. शाहिद शरीफ ने स्कूल की मनमानी को लेकर कहा कि स्कूल की ओर से राइट टू एज्युकेशन कानून का सीधे तौर पर उल्लंघन किया जा रहा है. स्कूल पर प्रशासन की ओर से सख्त कार्रवाई नहीं की जाती. जिसके कारण स्कूल प्रबंधन अपनी मनमानी करते हैं.

माध्यमिक शिक्षणाधिकारी सतीश मेंढे ने सेंट जॉन स्कूल की ओर से ली जानेवाली परीक्षा का विरोध करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को इस तरह की परीक्षा देने की कोई जरूरत नहीं रहती है और ना ही स्कूल को अधिकार है कि वे इस तरह से प्रवेश के लिए लिखित परीक्षा ले. इस बारे में जानकारी लेकर स्कूल पर उचित कार्रवाई किए जाने का आश्वासन भी उन्होंने दिया. इस बारे में सेंट जॉन स्कूल के प्रिंसिपल पीटर डॉमनिक से कई बार फोन लगाकर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने प्रतिसाद नहीं दिया.