Published On : Mon, Apr 20th, 2020

‘ भैय्या क्या करे कामधंदा बंद है, इसलिए अपने गांव जा रहे है ‘

Advertisement

नागपुर– देश में लॉकडाउन के बाद जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. देश के बड़े शहरों में काम कर रहे मजदूरों का इसमें सबसे बुरा हाल है. काम बंद होने से दिल्ली, मुंबई समेत कई मजदुर अपने गांव या शहर कोई साधन नहीं होने की वजह से पैदल ही निकल पड़े थे. नागपूर शहर भी इससे अछूता नहीं है. लॉकडाउन के बाद से ही अपने राज्य और अपने गांव जाने के लिए कई लोग निकले . इसमें से कई पैदल थे तो कई अपने दुपहिया वाहनों के साथ. यह पलायन का सिलसिला अभी भी जारी है.

नागपूर शहर में ज्यादातर लोग मध्यप्रद्देश और छत्तीसगढ़ से है. काम बंद होने से घर चलाना, किराया देना और अन्य खर्चे की चिंता इन्हे सताने लगी थी. जिसके कारण यह लोग बिना डरे ही लॉकडाउन के बीच यह अपने गांव के लिए रवाना हो गए.

Gold Rate
29 May 2025
Gold 24 KT 95,000/-
Gold 22 KT 88,400/-
Silver/Kg 98,300/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

‘ नागपूर टुडे ‘ ने अपने गांव जा रहे ऐसे परिवारों से बात की. इनमे 3 मोटरसाइकिल पर 6 लोग थे. जिनमे से एक महिला अपने 2 साल के छोटे बच्चे को लेकर थी. यह मध्यप्रदेश के शहर रीवा जा रहे थे, जो नागपूर से करीब 600 किलोमीटर है. यह लोग रात में निकल रहे थे. इनसे जब हमने पूंछा की सरकार तो राशन मुहैय्या करा रही है, तो फिर इतनी दूर बीवी बच्चो को लेकर क्यों जा रहे है. तो उनका कहना है की सरकार राशन दे रही है, लेकिन राशन के अलावा भी और खर्च है, बच्चे की दवाई या दूसरे खर्च, उसके लिए कौन देगा . गाँव में रहेंगे तो अपने खेत में काम करेंगे और अनाज भी अपने खेत का ही रहेगा.

इन लोगों को और एक डर सता रहा था इनका कहना था की यहां रुकने से कोई फायदा नहीं है. क्योकि लॉकडाउन और बढ़ेगा, उसके बाद हम कुछ भी पैसे पास नहीं होने की वजह से यही फंस जाएंगे.

Advertisement
Advertisement
Advertisement