सी. विद्यासागर राव का गड़चिरोली ज़िले भर में तूफानी दौरा व बैठकें
गड़चिरोली। 6 नवंबर को महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. विद्यासागर राव विदर्भ के दौरे के बीच गडचिरोली पहुँचे. सर्वप्रथम वे अहेरी तालुका के आलापल्ली व फिर सिरोंचा पहुँचे. तत्पश्चात गडचिरोली में स्थानीय जिलाधिकारी कार्यालय में ज़िले की विकास से सम्बंधित प्रशासकीययंत्रणा को मार्गदर्शन किया. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में गड़चिरोली जिला पिछड़ा हुआ है. ऐसी पहचान है. इसे दूर करने के लिए यहाँ जनप्रतिनिधियों व प्रशासकीय यंत्रणा को एकजुट होकर काम करना होगा. केंद्र और राज्य सरकार के बीच समन्वय स्थापित कर हमें जिला के विकास के लिए कठोर प्रयास करें.
उन्होंने गडचिरोली जिला प्रशसन द्वारा विकास के लिए किये जा रहे प्रयासों की सराहना की. और अपने दौरे को सफल बताया. उन्होंने कहा कि शुद्ध पेय जल तथा स्वछता पर अधिक ध्यान दें. ज़िले के विकास कार्यो व नियोजन के लिए बैठक ली. बैठक में राज्यपाल के प्रधान सचिव उमेशचन्द्र रस्तोगी, विभागीय आयुक्त अनूप कुमार, नागपुर परिक्षेत्र के विशेष पुलिस महा निरीक्षक रविन्द्र कदम, जिलाधिकारी रणजीत कुमार, जिला पुलिस अधीक्षक संदीप पाटील, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सम्पदा मेहता व वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
सर्वप्रथम जिलाधिकारी रणजीतकुमार ने जिला के विकास का रूपरेख की जानकारी दी. जिला में प्रतिव्यक्ति की आय बढ़ने सम्बन्धी प्रयास किये जाने की बात कही. उन्होंने बताया कि उसके लिए अगरबत्ती निर्माण, टैक्सी वितरण, कौशल आधारित रोज़गार, हस्तकला प्रशिक्षण जैसी योजनायें चलाई जा रही है. वन हक़ के अन्तर्गत गडचिरोली राज्य में पहले स्थान पर हैं और अब तक 30 हज़ार 488 व्यक्तिगत दावे हटाया गया. समाधान योजना अंतर्गत ज़िले में उल्लेखनीय काम किया. उन्होंने बताया कि कृषि सामग्री के भडारण के लिए ज़िले भर में गोदामों का निर्माण किया गया. अगरबत्ती निर्माण में 750 महिलाओं को घर में ही रोज़गार मिला है.
इस पूरी जानकारी के बाद राज्यपाल ने समाधान व्यक्त करते हुए कहा कि कृषि सिंचाई की ओर भी विशेष ध्यान देना होगा. उन्होंने ज़िले के तमाम लंबित सिंचाई प्रकल्पों की जानकारी ली.संचालन निवासी उपजिलाधिकारी राम जोशी नई किया.
हस्तकला केंद्र देखी : वन विभाग द्वारा आयोजित हस्त कला कृति मेटल क्राफ्ट, वूड क्राफ्ट, हस्तशिल्प के बनाये गए का राज्यपाल ने भूरि-भूरि प्रशंसा की.
प्रदर्शनी देखी : राज्यपाल राव ने ज़िले के वनविभाग का निरीक्षण किया. वे वनविभाग के शॉ मिल पहुँच कर वहाँ चल रही अगरबत्ती योजना की प्रक्रिया का निरीक्षण किया. साथ ही वन विभाग द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न योजनाओं की सविस्तार जानकारी ली. वन विभाग चारोली, लाख, झाड़ू, बांस की योजना चला रहा है. अवसर पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी सम्पदा मेहता, मुख्य वनसंरक्षक वी.एस.के. रेड्डी, आलापल्ली वनविभाग के उपवनसंरक्षक हेमन्त मीणा, उपविभागीय अधिकारी जीतेन्द्र पाटिल, तहसीलदार कुणारपवार की मौजूदगी रही.
गोदावरी नदी पर पुल के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया : राज्यपाल ने महाराष्ट्र और तेलंगाना राज्य को जोड़ने वाली गोदावरी नदी पर बनाये जाने वाले पल का निरीक्षण किया. इसे 22 अप्रैल 2011 को कार्यादेश मिला. और 30 अप्रैल 2015 तक पूर्ण की जाएगी. पल की अंदाजन कीमत 167 करोड़ 14 लाख है. वहीँ प्रणहिता नदी पर राष्ट्रीय महामार्ग पर पल के निर्माण करने की मंजूरी दिए जाने की जानकारी राज्यपाल दे दी.
कस्तूबा के विद्यार्थी से बात की : सिरोंचा स्थित जिला परिषद के कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय मैं भेंट देकर विद्यार्थियों से बात की. अवसर पर पुलिस अधीक्षक संदीप पाटिल, पंचायत समिति के सभापति रहीम शेख, शिक्षणाधिकारी (प्रा ) नरड प्रमुखता से उपस्थित थे. बच्चों ने शानदार प्रस्तुति दी. राज्यपाल ने छात्रों से प्रमुख सवालात किये. विद्यार्थियों ने स्कूल की प्रगति करने को आग्रह किया.
राज्यपाल ने वनविभाग द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का भी निरीक्षण कर प्रशंसा की. उसके बाद वे अहेरी से आगे कूच कर रहे ही थे कि उनके काफिले को बेरोज़गार संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने रोक लिया. जिसके बाद राज्यपाल ने उनसे बात की. समिति की ओर से उन्हें एक ज्ञापन सौंपा गया. जिसमें पेसा क़ानून रद्द करने, गैर-आदिवासी वनभूमि के पट्टे देने, मालेवार समाज की जाति सम्बन्धी समस्या, गड़चिरोली ज़िले में सुशिक्षित बेरोज़गारों की समस्या व अहेरी ज़िले के सम्बन्ध में चर्चा की गई. जिस पर राज्यपाल ने विचार करने का उन्हें आश्वासन दिया. उस वक़्त समिति के सुभाष घुटे, प्रज्ज्वल नागुलवार कार्याध्यक्ष अहेरी जिला निर्माण समिति, सागर डेकाटे, अनिल पंचफल्लीवार, अमोल ऊर्जे, बिच्छू गावंडे, मिलिंद घोंड, गणेश केसनवार, गणेश मनिपल्ली, दमोदर मडावी के साथ अनेक कार्यकर्ता मौजूद थे.


