नागपुर: जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में महिला बचत गट की सदस्यों द्वारा उठाए गए माइक्रो फाइनेंस लोन को माफ करने की अफवाह के कारण सोमवार को हजारों की तादात में महिलाओं के झुंड परिसर में पहुंचते रही। दोपहर होते होते भीड़ इतनी बढ़ गई कि महिलाओं को समूह को जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में आने से रोका जाने लगा। केवल महिलाओं के साथ शिष्टमंडलों को मिलने के लए अनुमति दी गई। इधर माक्रोफाइनेंस कम्पनियों के लोन माफ करने के लिए ‘फॉर्म ’ पाने की होड़ में परिसर में अफरा तफरी मची रही। अनजान गिरोह आवेदन पत्र को ‘फॉर्म’ के नाम पर 20 से 100 रुपए तक बेच कर मौके से रफुचक्कर होते रहे। इन सब के बीच जिलाधिकारी कार्यालाय हो या तहसील कार्यालय किसी भी जगह फॉर्म बेचनेवालों की धरपकड़ करने में प्रशासन नाकामयाब रहा।
अफवाओं से बढ़ती भीड़ को नियंत्रत करने के लिए दोपहर बाद पुलिस बल को परिसर में स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए उतरना पड़ा। बताया जाता है कि फॉर्म बेचने के लिए परिसर में महिलाओं का गिरोह सक्रीय होने से कार्रवाई करने में तेजी नहीं आ पा रही है। जिलाधिकारी कार्यालय प्रशासन ने ऐसे किसी तरह के माइक्रोफाइनांस कम्पनियों के लोन माफ ना करने की सूचना दी है। लेकिन परिसर में मार्गदर्शन के लिए सूचवा फलक लगाने के उपायस करने से जिलाधिकारी कार्यालय प्रशासन ने हाथ खड़े कर दिए हैं।
निवासी जिलाधिकारी के.एन.के. राव के मुताबिक लोन माफ किए जाने की ऐसी कोई सूचना प्रशासन द्वारा जारी नहीं की गई है। अफवाहों को सुनकर लोग कार्यालयपरिसर में जमा हो रहे हैं। अब ऐसे लोगों को सूचना अफवाह होने की जानकारी दी जा रही है। मामले की जांच करने की मांग लेकर पहुंच आम आादमी पार्टी के कार्यकर्तों को भी उन्होzंने यही कहा कि जांच किसके खिलाफ और किस आधार पर करनी है