
प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार को सभी बागी नगरसेवकों को 15 दिन का कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। इस दौरान अगर पार्टी को संतोषकारक जवाब नहीं मिलता है तो बागियों पर पार्टी से निलंबन की गाज भी गिर सकती है। पार्टी की अंदरूनी कलह का मामला अदालत तक पहुँच गया था जिस वजह से पार्टी अब संभल कर कदम उठा रही है। इसके पीछे की वजह है की अगर बागी फिर इस आदेश के ख़िलाफ़ अदालत गए तो वहाँ मजबूती से पक्ष रखा जा सके।
पार्टी के शहराध्यक्ष विकास ठाकरे ने गुरुवार को नोटिस जारी किये जाने की जानकारी देते हुए कहाँ की कई दावेदारियों के बीच पार्टी ने किसी एक उपयुक्त को अपना अधिकृत उम्मीदवार बनाया था। जिन्होंने पार्टी से बगावत की वह कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर ही विजयी हुए इसलिए वह कांग्रेस के ही नगरसेवक है। पार्टी हाईकमान बागियों के रुख पर नाराज है इसीलिए उन्हें उचित कार्रवाई किये जाने के निर्देश दिए गए है।








