
सोना एक बार फिर वैश्विक वित्तीय बाज़ारों में चर्चा का विषय बन गया है। दुनिया के शीर्ष बैंक 2026 के लिए जो अनुमान दे रहे हैं, वे संकेत देते हैं कि अगले साल भारत में सोने की कीमत ₹1.28 लाख प्रति 10 ग्राम से भी ऊपर जा सकती है।
केंद्रीय बैंक खरीद, ब्याज दरों में संभावित कटौती, और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव सोने को एक नए सुपर-साइकिल की ओर धकेल रहे हैं।
भारतीय ट्रेडर्स—खासतौर पर वे जो ETFs के ज़रिए निवेश करते हैं—के लिए 2026 एक ऐतिहासिक साल हो सकता है।
क्यों बड़े बैंक इतने तेज़ लक्ष्य दे रहे हैं?
Bank of America: सबसे मजबूत अनुमान
Bank of America का मानना है कि 2026 में सोना $5,000/oz तक पहुँच सकता है।
इसका भारतीय बाज़ार में मतलब है:
• लगभग ₹4.21 लाख/औंस
• यानी करीब ₹1.28 लाख प्रति 10 ग्राम
उनके अनुसार कीमतों में तेजी के मुख्य कारण हैं:
• अमेरिका का बढ़ता फिस्कल घाटा
• असामान्य आर्थिक नीतियाँ
• और निवेशकों द्वारा सोने में अभी भी कम भागीदारी
Deutsche Bank: $4,950/oz
Deutsche Bank ने अपना अनुमान बढ़ाकर $4,950 कर दिया है।
वे इसका कारण बताते हैं:
• मजबूत केंद्रीय बैंक खरीद
• स्थिर निवेश प्रवाह
• और तकनीकी सुधार पूरा होना
Goldman Sachs: $4,900/oz
गोल्डमैन ने 900 से अधिक संस्थागत निवेशकों के सर्वे में पाया कि:
• 36% निवेशकों को लगता है कि सोना 2026 तक $5,000/oz से ऊपर जाएगा
उनके अनुसार:
• 2022 में रूस के विदेशी भंडार फ्रीज़ होने के बाद केंद्रीय बैंक खरीद बढ़ी
• 2026 में 75 bps की संभावित Fed rate cut कीमतों को ऊपर ले जा सकती है
JP Morgan: सबसे ऊँचा लक्ष्य ($5,300/oz)
JP Morgan Private Bank का अनुमान सबसे बुलिश है।
सभंवत: सोना $5,300/oz तक जा सकता है क्योंकि:
• फिएट करेंसी पर भरोसा कम हो रहा है
• वैश्विक जोखिम बढ़ रहे हैं
• सोना फिर से “रिज़र्व एसेट” बन रहा है
क्यों बढ़ रही हैं कीमतें?
1. रिकॉर्ड स्तर पर केंद्रीय बैंक खरीद
2022–2025 के बीच वैश्विक केंद्रीय बैंक भंडार में सोने का हिस्सा 13% से 22% हो गया।
2013 से अब तक:
• केंद्रीय बैंक: 264 मिलियन oz खरीद
• Gold ETFs: केवल 15 मिलियन oz
यानी अब कीमत का मजबूत आधार आधिकारिक सेक्टर (central banks) बना हुआ है।
2. ब्याज दर कटौती की संभावना
इतिहास कहता है कि हर Fed rate cut cycle में सोना 26–39% चढ़ा है।
कम ब्याज दरें सोने को अधिक आकर्षक बनाती हैं, खासकर ETFs में निवेश करने वालों के लिए।
3. मुद्रास्फीति और करेंसी अवमूल्यन
2025 में सोना 65% बढ़ा, जबकि डॉलर इंडेक्स 9% गिरा—ये संकेत देता है कि करेंसी कमजोर होने की आशंका बढ़ रही है।
4. भू-राजनीतिक तनाव
मध्य पूर्व और यूरोप में बढ़ते तनाव ने सोने की सुरक्षित पनाहगाह वाली छवि को और मजबूत किया है।
भारत में कीमतें ₹1.28 लाख क्यों पहुँचेंगी?
A) टैक्स और ड्यूटी स्ट्रक्चर
भारत में अंतिम कीमत हमेशा ऊँची रहती है:
• 6% Import Duty
• 3% GST
• 5% GST (ज्वेलरी मेकिंग चार्ज)
B) रुपये की कमजोरी
2025 में रुपये की 3.3% गिरावट ने घरेलू कीमतें अंतरराष्ट्रीय कीमतों से तेज़ बढ़ाई।
C) ETFs में रिकॉर्ड निवेश
2025 में Gold ETFs में:
• ₹27,600 करोड़ inflow
• 9.11 लाख नए ETF खाते एक ही महीने में
ETF भारत में सोने का सबसे सुविधाजनक निवेश विकल्प बनते जा रहे हैं।
कौन से जोखिम इस रैली को रोक सकते हैं?
• वैश्विक शेयर बाज़ार में तेज़ी
• Fed की अप्रत्याशित नीति
• उच्च कीमतों पर केंद्रीय बैंक खरीद में कमी
यानी, जोखिम मौजूद हैं — लेकिन दीर्घकालिक ट्रेंड अब भी सोने के पक्ष में है।
निष्कर्ष: भारतीय ट्रेडर्स के लिए 2026 का गोल्ड रोडमैप
भारत में सोना ₹1.28 लाख प्रति 10 ग्राम के पार जा सकता है।
दुनिया के सबसे बड़े बैंकों की भविष्यवाणियाँ, केंद्रीय बैंक खरीद, Fed rate cuts की उम्मीदें और बढ़ते भू-राजनीतिक खतरे — सब मिलकर सोने को नई ऊँचाइयों की ओर ले जा रहे हैं।
जो भारतीय ट्रेडर्स ETFs में निवेश करते हैं, उनके लिए यह चक्र बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।
ETFs तेज़, सुरक्षित, पारदर्शी और लागत-कुशल हैं—2026 को एक “Golden Year” बनाने के लिए एकदम सही साधन।









