अकोला। पुराना शहर पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले गुरूदेव नगर में पत्नि की प्रताडना से तंग आकर पत्नी ने उसकी हत्या कर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था. इस मामले में आरोपी को न्यायालय के निर्देश पर जेल भेज दिया गया था. उक्त मामले की सुनवाई में आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत न होने के कारण न्यायाधीश ने आरोपी को रिहा करने के निर्देश दिए. पति पत्नी जीवन के दो पहिए होते है यदि इसमें से किसी एक भी पहिया डगमग जाए तो जीवन की गाडी थम जाते है. पति पत्नी के बीच आपसी सांमजस्य न होने के कारण एक पति ने अपनी पत्नी की हत्या कर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.
न्यायालयीन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुरूदेव नगर बालापुर नाका निवासी 40 वर्षीय डिगांबर संभाजी नखाते का पत्नी सरला उर्फ़ गोदावरी दिगांबर नखाते के साथ हमेशा विवाद होता रहता था. घर में चल रही अंतकर्लह के कारण 30 अक्टूबर 2012 को उसने 12.30 से 13.45 के बीच अपनी पत्नी के मुंह पर तकिया रख कर तथा गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. घटना के पश्चात पुलिस कभी न कभी गिरफ्तार कर लेगी यह सोचकर आरोपी ने पुराना शहर पुलिस थाने में जाकर आत्मसमपर्ण कर दिया.
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस थाने में उपस्थित कर्मचारियों के होश फाख्ता हो गए. आरोपी द्वारा किए गए कथन की जांच करने के लिए पुलिस ने घटना स्थल पर जाकर निरीक्षण किया. जांच में आरोपी का बयान सही पाए जाने पर पुराना शहर थाने में नियुक्त पुलिस कर्मचारी मोहन बलीराम खंडारे की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ धारा 302 के तहत अपराध दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया. आरोपी को न्यायालय के समक्ष पेश करने पर न्यायाधीश ने उसे न्यायिक हिरासत में जले भेजने के निर्देश दिए. उक्त अभियोग की सुनवाई जिला व सत्र प्रथम श्रेणी न्यायाधीश वी.एन. तांबी के न्यायालय में हुई. इस मामले में पुलिस द्वारा दर्ज किए गए 27 गवाहों में से 9 गवाहों के बयान दर्ज किए गए. सरकारी तथा आरोपी के अधिवक्ताओं की दलील सुनने के पश्चात न्यायाधीश ने आरोपी को निर्दोष रिहा करने के आदेश दिए. आरोपी की ओर से अधिवक्ता एम.जी. मोहता, एच.एम. मोहता, ए.आर. रणपिसे ने पैरवी की.