Published On : Fri, Jan 5th, 2018

दर्शक सिनेमा हॉल में ही खाद्य पदार्थ क्यों खरीदें: कोर्ट

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मुंबई: मुंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार से कहा है कि वह बताए कि दर्शकों को सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स में ही बेचे जाने वाले खाद्य पदार्थ क्यों खरीदने चाहिए। बाहर से खाद्य पदार्थ लाने पर क्यों पाबंदी है? न्यायालय ने यह टिप्पणी एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान की है। याचिका में उपरोक्त दोनों मुद्दों को चुनौती दी गई है। न्यायालय ने यह भी कहा है कि जब सिनेमा हॉल में जाने से पहले सुरक्षाकर्मी दर्शकों की जांच करते हैं तो उन्हें अपने खाद्य पदार्थ ले जाने से रोकने का कोई तुक नहीं है। रोके जाने पर उन्हें अंदर से महंगे खाद्य पदार्थ खरीदने पड़ते हैं। कई बार तो यह कीमत बाजार से कई गुना ज्यादा होती है।

न्यायाधीश आरएम बोर्डे और न्यायाधीश राजेश केतकर ने राज्य सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि वह तीन सप्ताह में यह बताए कि इन दोनों मुद्दों पर सिनेमा थियेटरों ने जो व्यवस्था कर रखी है, उसका क्या मतलब है। न्यायालय ने सरकार से यह भी बताने को कहा है कि थियेटर मालिक या प्रबंधक जो यह व्यवस्था अपना रखे हैं, क्या वह कानूनी है। यह याचिका जैनेंद्र बख्शी ने अपने वकील आदित्य प्रताप के द्वारा दायर की है।

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याचिका में कहा गया है कि सिनेमा हॉल में किसी दर्शक को बाहर से भोज्य पदार्थ ले जाने पर जो रोक अभी लगी हुई है, वह कानूनी नहीं है। आदित्य प्रताप ने न्यायालय को यह भी बताया कि महाराष्ट्र सिनेमा (नियमन) कानून के तहत थियेटर और ऑडिटोरियम के अंदर खाद्य पदार्थ बेचना निषेध है। उनका कहना था कि इस नियम की खुलेआम धज्जियां उड़ रही हैं।

न्यायालय ने कहा कि ‘आपके पास मेटल डिटेक्टर है ताकि दर्शक कोई चाकू और हथियार जैसी घातक चीज न ले जा सके। सुरक्षाकर्मी पहले से ही दर्शकों की तलाशी ले लेते हैं। वे उनके पर्स और बैग की तलाशी लेते हैं। तब उनके साथ लाए जा रहे खाद्य पदार्थ को अंदर ले जाने पर रोक लगाने का क्या मतलब है?

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