नागपुर: मराठा आरक्षण को लेकर सरकार द्वारा उच्च न्यायालय में याचिरा दायर करने की खबर के बाद मुस्लिम समाज के विधायकों में नाराजी के सुनाई दिए। एआईएमआईएम(ऑल इंडिया मज्लिसे इत्तेहादुल मुसलिमीन) के विधायकों द्वय इम्तियाज जलील व वारिस पठान ने हाथों में काले फीते बांध कर विधान भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। इस आंदोलन को कांग्रेस विधायक आरिफ नसीम खान ने समर्थन दिया। खास बात यह रही कि एमआईएम विधायक साथ में कई और काले फीते लाकर कांग्रेस व एनसीपी के विधायकों को साथ आने के लिए आमंत्रित किया।
मुस्लिम आरक्षण आंदोलन में पानी पिलाकर आंदोलन का समर्थन करनेवाले मुस्लिम समुदाय के आरक्षण के सावल को लेकर एआईएमआईएम के विधायक ने हमला बोला। मीडिया कर्म से विधायक बने एमआईएम के इम्तियाज जलील ने मंगलवार को विधान भवन शीतसत्र के दौरान कहा कि हम मराठा आरक्षण के विरोध में नहीं हैं। मगर मुस्लिमों के लिए आरक्षण की बात होनी चाहिए। सभी ने देखा है कि मराठा रैलियों में मुसलमानों ने पानी का स्टॉल लगाकर पानी पिलाया है। मराठा आंदोलन की बात करनेवाले मुसलमानों के आरक्षण की बात क्यों नहीं करते।
आसिफ नसीम खान ने भी मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा उठाते हुए कहा कि मंगलवार को सरकार ने मराठा आरक्षण को लेकर शपथपत्र मुंबई हाईकोर्ट में दायर किया है। जिसमें उन्होंने मराठा आरक्षण के प्रति सकारात्मक संकेत दिए हैं। यह कैसी विडंबना है कि सरकार हाईकोर्ट में मराठा आरक्षण की सिफारिश तो करती है लेकिन उसी हाईकोर्ट के आदेश को भूल जाती है जिसमें कोर्ट ने मुस्लिम समाज की बुनियाद पर 5 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की सिफारिश की थी।