Published On : Thu, Aug 4th, 2022

नदी के किनारे से रेत उत्खनन का अधिकार किसने दिया ?

Advertisement

– धाम के बांध और सौंदर्यीकरण का निर्माण कार्य चल रहा, ठेकेदार की मनमानी से राजस्व विभाग के राजस्व को पच्चीस से तीन लाख का नुकसान हुआ

नागपुर – कोदामेंढी (मौदा) में सुरनादी पुल के पास धाम के बांध और सौंदर्यीकरण का निर्माण कार्य चल रहा है. ठेकेदार की मनमानी चल रही,यह जानकर राजस्व, PWD और स्थानीय प्रशासन खामोश क्यों है ?

याद रहे कि जिले में खनिज सम्पदा का उत्खनन करना हो तो जिला खनन विभाग के मार्फ़त जिला प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ती हैं.जो कि अनिवार्य हैं. जानकारी मिली कि नदी के तल को गहरा करने के लिए ठेकेदार ने हजारों ब्रास रेत का खनन किया और उसे थोक में बेचा।

ऐसे में सवाल उठा है कि खुदाई के बाद ठेकेदार को रेत बेचने का अधिकार किसने दिया ?
उक्त निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग(PWD) की देखरेख में चल रहा है। इससे पहले बांध निर्माण में मिट्टी के साथ मिश्रित रेत का उपयोग, निर्माण के लिए सीसे वाले रेत का उपयोग ,निकृष्ट दर्जे का निर्माण कार्य व प्रबंधन, खुदाई की गई रेत की बिक्री, सरकार द्वारा निर्धारित नियमों का पालन न करना आदि कई मुद्दे चर्चे में आये थे।

इस संबंध में विधायक टेकचंद सावरकर खुद निर्माण स्थल पहुंचे। भविष्य में शिकायत मिलने पर तहसीलदार को ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी दी गई। लेकिन अब फिर ठेकेदार की मनमानी शुरू और प्रशासन की चुप्पी ने मामला गर्मा दिया हैं.

उक्त बांधकाम अच्छे एवं गुणवत्तापूर्ण निर्माण के साथ-साथ शासकीय नियमों के अनुसार निर्माण नहीं किया जा रहा जबकि यह अनिवार्य है और विशेष रूप से लोक निर्माण विभाग(PWD) के तकनीकी अधिकारियों निरिक्षण के दौरान कोताही बारात रहे हैं। सम्पूर्ण विभाग ठेकेदार हित में चुप्पी साधे उसकी मनमानी को बढ़ावा दे रहे हैं.

इससे पहले भी ठेकेदार ने इसी जगह से रेती निकालकर उसे बेच दिया था। सम्बंधित अधिकारी वर्ग दौरा कर फिर गायब हो जाने से उक्त मनमानी को बढ़ावा मिल रहा हैं। नदी के तल से हजारों ब्रास की रेत का उत्खनन किया गया और उसे बेचा गया। इसमें राजस्व विभाग के राजस्व को पच्चीस से तीन लाख का नुकसान हुआ है।