Published On : Thu, Aug 4th, 2022

सत्ता परिवर्तन से अटके विकासकार्य

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– नए पालकमंत्री की राह तक रहे सभी

नागपुर– राज्य में सत्ता परिवर्तन से नालियां और सीवर के काम भी प्रभावित हुए हैं. चूंकि नई सरकार ने डीपीसी के सभी कार्यों पर रोक लग जाने के कारण बरसात के दिनों में उपजी समस्याओं से नागरिकों को निजात दिलवाने में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को असफलता मिल रही.

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जैसे ही राज्य की कमान संभाली, उन्होंने जिला योजना समिति (डीपीसी) की राशि रोक दी. 1 अप्रैल 2021 से सभी कार्य रोकने से सैकड़ों करोड़ के काम ठप हो गए हैं।

सिर्फ नागपुर जिले को अब तक करीब डेढ़ सौ करोड़ की धनराशि मिल चुकी है। इससे कई कार्य भी कराए गए। नई सरकार के सत्ता में आने के साथ ही जिलों के पालकमंत्री भी बदलने वाले हैं। पालक मंत्री डीपीसी के अध्यक्ष हैं। इसलिए नई सरकार ने डीपीसी का काम रोक दिया गया। वर्त्तमान सरकार पहले ही आदेश दे चुकी है कि नए पालक मंत्री रोके गए कार्यो की समीक्षा करेंगे और उसके बाद उन्हें सब ठीक लगा तो कार्यों को मंजूरी देंगे.

उक्त आदेश के बाद 1 अप्रैल, 2021 के बाद सभी कार्य जिनके लिए निविदाएं जारी नहीं की गई हैं, प्रशासनिक मंजूरी भी नहीं दी गई और कार्य आदेश जारी नहीं किए गए हैं, निलंबित कर दिए गए हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कें, नालियां व अन्य निर्माण कार्य ठप हो गए हैं।

राज्य में महाविकास आघाड़ी की सरकार गई है और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में गठबंधन सरकार आई है. नागपुर जिले के लिए डीपीसी के तहत जिले को 625 करोड़ रुपये मंजूर किए गए। शहरी क्षेत्रों के विकास के लिए 53 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कोष उपलब्ध कराया गया है। लेकिन सभी काम ठप हो गए हैं।

पिछले वित्तीय वर्ष की राशि जिला परिषद में आई। लेकिन अगर सभी टेंडर समय पर अधिकारियों द्वारा जारी कर दिए गए होते तो काम शुरू हो जाता। लेकिन सत्ता पक्ष मनमानी व देरी के कारण काम शुरू नहीं हुआ।