Published On : Mon, Oct 9th, 2017

क्या कल्याणकारी योजनाओं के तहत वाशिंग मशीन, कुकर उपहारस्वरूप बांटे जा सकते हैं ? सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग और हिमाचल सरकार से मांगा जवाब

Advertisement

Supreme Court
नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई करने को तैयार हो गया है कि चुनाव से पहले वाशिंग मशीन, लेपटॉप और ग्राइंडर जैसी चीजें राज्य की कल्याणकारी योजनाओं के तहत उपहार के तौर पर बांटी जा सकती हैं या नहीं।

शुक्रवार को जस्टिस आरके अग्रवाल की बेंच ने चुनाव आयोग और हिमाचल प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। ये कदम एक्टिविस्ट कुलदीप व अन्य की याचिका पर उठाया गया है जिसमें हिमाचल हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट ने माना था कि उपहारस्वरूप ये चीजें देना कल्याणकारी योजनाओं के तहत ही आता है।

AOR अरूणा गुप्ता द्वारा दाखिल इस याचिका में मुद्दा ये है कि क्या वाशिंग मशीन, इंडक्शन हीटर, सोलर कुकर आदि बांटना कल्याणकारी उपायों के तहत आता है ? क्या कल्याणकारी योजनाएं स्वास्थ्य सुविधाएं, मातृत्व व पितृत्व सुविधाएं और बुजर्गों के लिए सुविधाएं देने के उद्देश्य से बनाई गई हैं या फिर इनके तहत लग्जरी सामान भी दिया जा सकता है जोकि जीने के लिए मूल जरूरत की वस्तु नहीं हैं ?

Gold Rate
08 july 2025
Gold 24 KT 97,500 /-
Gold 22 KT 90,700/-
Silver/Kg 1,08,700/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

दरअसल हिमाचल प्रदेश सरकार ने इसी तरह उपहार बांटे थे और दावा किया था कि ये बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स (रेगुलेशन ऑफ इंप्लायमेंट एंड कंडीशन ऑफ सर्विस) एक्ट, 1996 के तहत उठाया गया कदम है।

शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीयू सिंह और विक्रम बनर्जी ने दलील दी कि इस तरह के उपहार इस एक्ट के तहत नहीं बांटे जा सकते क्योंकि एक्ट में ऐसा नहीं कहा गया है। इस एक्ट के तहत नियम इस उद्देश्य के साथ बनाए गए हैं कि राज्य मनमाने तरीके से नहीं बल्कि उदारता के साथ लोगों को उपहार दे और बताया जाना चाहिए कि उक्त उपहार देने से क्या फायदे होंगे।

उन्होंने कहा कि इसके पीछे लोगों को सक्षम बनाने के तहत वित्तीय सहायता देने का प्रावधान है ना कि कल्याणकारी योजनाओं की आड में सामान बांटने का फायदा देने का। इसके अलावा एक्ट बिल्डिंग सर्विस व निर्माण कार्य से जुडे मजदूरों के लिए हालात को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया जिसमें उनकी सुरक्षा, स्वास्थ्य और दुर्घटना आदि लिए सहायता कल्याणकारी उपाय करने संबंधी नियम शामिल हैं।

याचिका में ये भी कहा गया कि कल्याणकारी योजनाएं स्वास्थ्य सुविधाएं, मातृत्व व पितृत्व सुविधाएं और बुजर्गों के लिए सुविधाएं देने के उद्देश्य से बनाई गई हैं ना कि वाशिंग मशीन व कुकर आदि देने के लिए, जो जीवन चलाने के लिए मूल जरूरत का सामान नहीं हैं। इसलिए राज्य सरकार की इन योजनाओं को रद्द किया जाना चाहिए।

Advertisement
Advertisement