Published On : Sat, Jul 6th, 2019

घर से भागे बच्चों की मंजिल कहां….

Advertisement

गोंदियाः स्कूल जाने का बहाना कर चला मुरारी हिरो बनने

गोंदिया: लाईट कैमरा एक्शन वाले रूपहले पर्दे के सपनों की दुनिया और हकीकत में जमीन आसमान का अंतर होता है, फिल्मों की तरह घर से भागकर सुनहरे भविष्य की जो बच्चे कल्पना करते है वो अकसर मुंह की खाते है।

बॉलीवुड की चकाचौंध भरी जिंदगी छोटे शहरों में रहने वाले किशोरवय अवस्था वाले बच्चों के मन मस्तिष्क पर किस कदर असर करती है, इसी की एक बानगी गोंदिया-भंडारा जैसे छोटे शहर में सामने आयी है।

परीक्षा में कम नंबर लाने के बाद माता-पिता का व्यवहार अकसर कठोर हो जाता है, एैसे में 2 जिगरी दोस्तों ने माता-पिता की डांट फटकार के कारण घर छोड़ने का फैसला ले लिया और फिल्मों से प्र्रेरित होकर दिल में बड़ा आदमी बनने की चाह लिए महज 150 रूपये के साथ घर से ट्रेन पकड़ने हेतु 5 जुलाई शुक्रवार को भंडारा स्टेशन आ गए।

माता पिता का कठोर व्यवहार देख जेलरूपी घर से निकलने का मन बनाया
प्लेटफार्म पर मजिस्ट्रेड चेकिंग चल रही थी तथा कोर्ट कैम्प के मुद्देनजर यात्रियों द्वारा रेलवे नियमों का उल्लंघन करने वालों की टिकट चेकर और पुलिस धरपकड़ कर रहे थे। इसी दौरान भंडारा आरपीएफ थाने के प्रभारी निरीक्षक अनिल पाटिल और उपनिरीक्षक विनेक मेश्राम, प्रभान आरक्षक जय सिंह, आरक्षक वी.के. दुबे, बी. देशमुख और वाणिज्य विभाग के के.जी. उघाड़े की ऩजर सुबह 10 बजे स्कूल के यूनिफार्म में भंडारा रेल्वे स्टेशन के प्लेटफार्म पर गाड़ियों की पूछताछ करते व संदिग्ध अवस्था में स्कूल यूनिफार्म धारण किए 2 किशोरों पर गई।

डरी-सहमी अवस्था में दोनों बालकों के इधर-उधर आते-जाते दिखायी देने पर पुलिस टीम ने उन्हें रोका और पूछताछ करने पर दोनों ने अपना नाम सक्षम (13 रा. खमारी, पो. माटोरा, थाना कारधा, जि. भंडारा) तथा समीर (13 रा. खमारी, पो. माटोरा, थाना कारधा, जि. भंडारा) बताते कहा- वे बूटी हाईस्कूल के 9 वीं क्लॉस के विद्यार्थी है तथा दोनों जिगरी दोस्त है और माता-पिता की डांट-फटकार के कारण घर से स्कूल जाने को बताकर भागकर आए है तथा मुंबई जाना चाहते है और फिल्मों से प्रेरित होकर बड़ा आदमी बनने की चाह है।

थाने में बच्चों को सुरक्षित देख अभिभावकों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा
दोनों मासूम बच्चे जो दुनिया की वास्तविकता से परे थे, उन्हें पुलिस आरपीएफ थाना लेकर पहुंची तथा स्कूल के मुख्याध्यापक को फोन घुमाया तथा बच्चों से पूछताछ के बाद उनके पालकों से पुलिस ने संपर्क साधा।

रेल्वे स्टेशन की थाना कोतवाली में छात्र सक्षम की नानी इंदिरा (55) पहुंची तथा समीर के पिता रामेश्‍वर (45) भी पहुंचे और अपने लाडलों को देखकर वे भाव विभोर हो गए और उन्हें सुरक्षित पाकर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। नम आंखें लिए नानी बार-बार नाती सक्षम को चुमती रही।

उपनिरीक्षक मेश्राम द्वारा शाला मुख्याध्यापक से विद्यालय का प्रमाणपत्र व निवेदन प्राप्त करने के बाद दस्तावेजी औपचारिकता पूर्ण कर उपस्थित गवाहों के सामने दोनों विद्यार्थियों को उनके पालकों के सुपुर्द किया गया। इन दोनों बच्चों के अभिभावकों ने मानवीय कर्तव्य निभाने वाले पुलिस विभाग के प्रति आभार व्यक्त किया।

आरपीएफ पुलिस विभाग की ओर से सभी पालकों से अपील जारी की गई है कि, बच्चे देश का उज्जवल भविष्य है तथा उनके साथ नम्रता पूर्वक पेश आएं और उन्हें उचित मार्गदर्शन व प्रोत्साहित करें ताकि वे किसी गलत मार्ग पर प्रशस्त ना हो, अन्यथा घर से भागे ज्यादातर बच्चे अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ कर बैठते है।

 

 

 

 

 

 

 

रवि आर्य