नागपुर: नागपुर में शहरी निगरानी व्यवस्था को बड़ा झटका लगा है, जहां स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लगाए गए 3600 में से करीब 1500 सीसीटीवी कैमरे फिलहाल बंद पड़े हैं। यह समस्या मुख्य रूप से शहर में चल रहे सड़क, पुल और फ्लाईओवर निर्माण कार्यों के कारण सामने आई है, जिनमें मेट्रो (MahaMetro), लोक निर्माण विभाग (PWD), राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और महा रेल जैसी एजेंसियों की खुदाई से कैमरा केबल क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
अस्थायी उपाय के तौर पर, पांच कर्मचारियों की टीम को क्षतिग्रस्त कैमरों की मरम्मत के लिए तैनात किया गया है। अधिकारियों का दावा है कि अब तक लगभग 700 कैमरों की मरम्मत की जा चुकी है, लेकिन स्थायी रखरखाव की व्यवस्था अब भी अधूरी है। स्मार्ट सिटी प्रशासन ने एक साल के लिए “नोटिफिकेशन ऑफ डिस्टर्बेंस (NOD)” कांट्रैक्ट के लिए टेंडर जारी किया है, जिसके तहत सबसे कम लागत बताने वाली एजेंसी को यह कार्य सौंपा जाएगा।
नुकसान और मुआवजा
कैमरा नेटवर्क को हुए व्यापक नुकसान के चलते स्मार्ट सिटी प्रशासन ने मेट्रो से 1.5 करोड़ रुपये का मुआवजा वसूलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके अलावा PWD और NHAI से 3-3 करोड़ रुपये की मांग की गई है। महल क्षेत्र में फ्लाईओवर निर्माण के दौरान केबल लाइन और जंक्शन बॉक्स नष्ट हो गए, जिससे करीब 50 लाख रुपये का नुकसान हुआ।
फिलहाल अस्थायी मरम्मत कार्य जारी है, लेकिन कैमरा नेटवर्क के स्थायी रखरखाव के लिए अब तक कोई एजेंसी तय नहीं हुई है।
आपात स्थितियों में सुरक्षा चूक
काम न कर रहे कैमरों के कारण कई बार सुरक्षा व्यवस्था भी फेल हुई है। 17 मार्च को गीतांजलि टॉकीज, दोसार भवन और सीए रोड जैसे इलाकों में सांप्रदायिक तनाव के दौरान 15 से अधिक स्थानों पर सॉफ्टवेयर खराबी के चलते लाइव फीड नहीं मिली, जिससे पुलिस कंट्रोल रूम रियल-टाइम फुटेज से वंचित रह गया।
इसी तरह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 30 मार्च को हुई नागपुर यात्रा से पहले लगभग 194 सीसीटीवी कैमरे बंद पाए गए। तत्कालीन स्मार्ट सिटी सीईओ अभिजीत चौधरी की निगरानी में एक निजी एजेंसी से अस्थायी मरम्मत करवाई गई, लेकिन यह चूक प्रशासनिक तैयारियों पर सवाल उठाती है।
प्रभारी मंत्री ने लिया संज्ञान
5 फरवरी को मंत्रालय, मुंबई में हुई बैठक में नागपुर के संरक्षक मंत्री ने स्मार्ट सिटी अधोसंरचना के रखरखाव के लिए 10 करोड़ रुपये की निधि की घोषणा की। उन्होंने कैमरे लगाने वाली कंपनी एलएंडटी (L&T) की 10 साल के रखरखाव के वादे को लेकर लापरवाही पर नाराजगी जताई।
समीक्षा में पाया गया कि 2000 से अधिक कैमरे खराब रखरखाव के कारण बंद पड़े हैं। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मरम्मत कार्य तेजी से पूरा किया जाए और निगरानी व्यवस्था को अधिक विश्वसनीय एजेंसी को सौंपा जाए।