– कोरोना काल में करदाताओं को राहत देने के लिए मूड नहीं बना पा रही
नागपुर : कोरोना काल के बीच मुंबई मनपा ने स्थानीय कर दाताओं को बड़ी राहत दी है। वर्त्तमान आर्थिक वर्ष मनपा ने प्रॉपर्टी टैक्स में वृद्धि न करने का निर्णय लिया है।तो दूसरी ओर नागपुर मनपा इस मामले में निर्णय लेना तो दूर चर्चा करने की फुर्सत तक नहीं निकाल पाई.जबकि सत्तापक्ष ने वर्त्तमान वर्ष का संपत्ति कर सह जल कर माफ़ करने की मांग मनपा प्रशासन से लगातार कर चुकी हैं.
बता दें कि नागपुर मनपा में भी चुंगी बंद कर आय का प्रमुख स्त्रोत बंद कर दिया गया,तब से मनपा राज्य सरकार के अनुदान पर पूर्ण रूपेण आश्रित हो गई.राज्य सरकार ने नागपुर मनपा को अन्य विकल्प तैयार करने के लिए निर्देश दिए लेकिन आजतक मनपा प्रशासन इस ओर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाई.
नागपुर मनपा ने अपना राजस्व बढ़ाने के लिए संपत्ति कर और जल कर वसूली पर ध्यान केंद्रित किया था,लेकिन मनपा प्रशासन की ढुलमुल नित के कारण इसमें आंशिक सफलता ही मिल पाई.
गौरतलब हो कि हर ५ सालों में प्रॉपर्टी टैक्स में ८ प्रतिशत की वृद्धि की जाती है। मुंबई में करीब ४ लाख २० हजार प्रॉपर्टी टैक्सधारक है इसमें से १ लाख ३७ हजार प्रॉपर्टी धारकों का घर ५०० वर्ग फुट से कम है, जिसके चलते इनका प्रॉपर्टी टैक्स मनपा पहले ही माफ कर चुकी है। शेष २ लाख ८३ हजार प्रॉपर्टी टैक्स धारकों का इस साल प्रॉपर्टी टैक्स न बढ़ाकर मनपा ने बड़ी राहत दी है।
वहीं नागपुर मनपा ने इस संबंध में कोई चर्चा सत्र का आयोजन भी नहीं किया।मनपा के पूर्व आयुक्त तुकाराम मुंढे हो या फिर वर्त्तमान आयुक्त राधाकृष्णन बी दोनों ने कोरोना महामारी के बचाव पर ध्यान केंद्रित किया।
नतीजा उक्त मामले पर न वर्त्तमान आर्थिक वर्ष के संकलन पर कोई ठोस निर्णय हुआ.दूसरी ओर इस वर्ष मनपा बजट भी पेश नहीं हो पाया,संभवतः सत्तापक्ष के दिग्गज नगरसेवक अथवा पदाधिकारियों के सहमति बाद अगले ५ माह के लिए वर्त्तमान स्थाई समिति सभापति बजट पेश कर सकते हैं.
जिसमें आय के स्त्रोत पर जोर देने के बजाय पिछले आर्थिक वर्ष के अड़े कामों को पूरा करने पर जोर दिए जाने के संकेत मिले हैं.