Published On : Tue, Jul 12th, 2016

वेकोलि: खदान खुली दे रही दुर्घटनाओं को आमंत्रण

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कोयला ख़त्म,फिर भी खाईनुमा खदान खुली
वेकोलि प्रबंधन नियमों की वर्षो से उड़ा रहा धज्जियाँ

WCL MinesNagpur: कोयला खदान खोलने,संचलन करने से लेकर कोयला समाप्त होने के बाद उस खदान को बंद करने हेतु केंद्र सरकार सह कोयला मंत्रालय के कई कड़क नियम है,जिसका शब्द से पालन वर्षो से कही नहीं होने के आरोप वर्षो से आजतक लगते रहे लेकिन न केंद्र सरकार और न ही कोयला मंत्रालय ने इस सन्दर्भ में कोई ठोस कार्रवाई की.यह भी उतना ही लाजमी है कि गर्मी या भारी बरसात के दिनों में या असमय सभी प्रकार के खदानों में होने वाली दुर्घटनाओं के जिम्मेदार कोयला मंत्रालय के जिम्मेदार अधिकारिओं दोषी ठहराया जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होनी चाहिए। ऐसा ही एक मामला नागपुर टुडे के हाथ लगा है. वह यह कि बंद हो चुकी वेकोलि की खुली खदान आजतक जस के तस पड़ी हुई दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रही है.

वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटिड कोयला उत्खनन सह बिक्री के क्षेत्र में काफी अरसो से सक्रिय है.पिछले एक दशक के पहले तक कोयला मंत्रालय के निर्देशानुसार भूमिगत की बजाय सुरक्षा के मद्देनज़र खुला(ओपेनकास्ट) खदान को तवज्जों दी गई.इस क्रम में वेकोलि प्रबंधन ने भी अपने कार्यक्षेत्र अंतर्गत नागपुर,चंद्रपुर और पाथरखेड़ा महाप्रबंधक कार्यालय अंतर्गत कई ओपेनकास्ट खदाने खोली गई.

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चंद्रपुर के वेकोलि महाप्रबंधक कार्यालय अंतर्गत भद्रवती के समीप दुर्वासा ओपेनकास्ट कोयला खदान है.यह तेलवासा उपक्षेत्रीय( subarea) अंतर्गत आता है.दुर्वासा ओपेनकास्ट खदान का वर्त्तमान उत्खनन अधिकृत क्षेत्र का ४-५ माह पूर्व कोयला ख़त्म हो गया.दुर्वासा ओपेनकास्ट के ४ कर्मी को छोड़ शेष सभी अधिकारी-कर्मियों का तेलवासा उपक्षेत्रीय( subarea) अंतर्गत तेलवासा खदान में तबादला कर दिया गया.

दुर्वासा ओपेनकास्ट में कोयला ख़त्म होने बाद वेकोलि प्रबंधन को कोयला मंत्रालय के नियमों का पालन करते हुए खुली खदान को ढँकने के बाद उसे समतल करने के बाद उस समतल जमीन पर वृक्षारोपण करना अनिवार्य है.फिर इस सरकारी जमीन पर सरकारी जरूरतों के अनुसार सरकार उपयोग करेगी या फिर खाली रखे,यह उनका हक़ है.

वेकोलि प्रबंधन कार्यालय सूत्रों के अनुसार वेकोलि के चालू खदानों में कर्मी और मशीनों ( डम्पर,डोजर आदि) की भारी कमी है,तो बंद हो चुके खदानों को भरने व समतल करने के लिए व्यवस्था नामुमकिन है.वैसे भी प्रबंधन खुले खदानों को भरने व समतल कर वृक्षारोपण करने में आजतक अभी रूचि नहीं दिखाई।

सूत्र बतलाते है कि वेकोलि प्रबंधन पिछले सभी खुले खदानों के तर्ज पर उक्त दुर्वासा खुले खदान को भरकर समतल कर वृक्षारोपण करने बजाय उक्त खुली खदान को तार की फेंसिंग से घेरने की योजना बनाए हुए सक्रीय है.जल्द ही इसका टेंडर निकला जायेगा।इसके पश्चात् वेकोलि उक्त ४ कर्मी को किसी अन्यत्र खदान या उपक्षेत्रीय कार्यालय में स्थानांतरण करेगा, इसके बाद इस परिसर में वेकोलि प्रबंधन की गलती से होने वाली अनचाही दुर्घटना की जिम्मेदारी से वेकोलि प्रबंधन हाथ झटक लेंगा।

दूसरी ओर वेकोलि मुख्यालय की ओर से उक्त खुली खदान को पूर्णतः बंद करने की नोटिस नहीं थमाई गई है,बताया जाता है कि दुर्वासा खुली खदान से लगी जमीन के भीतर और बड़ी मात्रा में कोयला है,सम्भवतः इस दुर्वासा खदान को एक्सटेंशन भी किया जा सकता है.

– राजीव रंजन कुशवाहा

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