Published On : Tue, Jan 23rd, 2018

वेकोलि: अधिग्रहण के 10 वर्ष बाद दबाव में दिया मुआवजा

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नागपुर: पिछले मंगलवार को वेकोलि प्रशासन ने दोपहर में उक्त श्रेणी में आने वाले एक किसान की लहलहाती कपास फसल पर जबरन जेसीबी चलाकर अपने गंतव्य स्थान तक जाने के लिए रास्ता का निर्माण किया। वेकोलि की अमानवीय कृत से उक्त किसान को काफी नुकसान हुआ। दरअसल वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की सावनेर विधानसभा अंतर्गत सिल्लेवाड़ा उपक्षेत्र कोयला खदान के भानेगांव परिसर में खुली खदान के लिए जमीन अधिग्रहण की गई थी। जिन किसानों को वेकोलि ने मुआवजा नहीं दिया, ऐसे किसानों ने अपनी जमीन का कब्जा नहीं छोड़ा। बाकायदा नियमित खेती कर रहे थे।

जब वेकोलि से संपर्क किया गया तो उन्होंने जानकारी दी कि उन्होंने डंपिंग यार्ड तक जाने के लिए उक्त खेती से मार्ग का निर्माण किया। जब उक्त किसान के लिए स्थानीय नागरिकों ने वेकोलि प्रबंधन पर दबाव बनाया तब वेकोलि ने उक्त किसान को नुकसान भरपाई का चेक थमाया। वेकोलि प्रबंधन फसल का नुकसान भरपाई देकर खेती की जमीन अधिग्रहित करने पर जमीन मालिक के वारिस को वेकोलि में स्थाई नौकरी देने का मुद्दा टाल गई।


वेकोलि प्रशासन के अनुसार उक्त परिसर में खुली खदान के लिए भानेगांव में 131.90 हेक्टर जमीन ‘कोल् बेरिंग एक्ट’ के अनुसार अधिगृहित की गई थी। इसमें देवराव ढोके की 3.5 एकड़ जमीन का भी समावेश था। उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया इसलिए उन्होंने कब्जा नहीं छोड़ा और नियमित खेती कर रहे थे। इसी बीच गत मंगलवार को वेकोलि प्रबंधन ने जबरन लहलहाती फसल को रौंदते हुए खेत के बीच से 20 फुट चौड़ी का निर्माण किया।


उल्लेखनीय यह है कि वेकोलि ने खेत मालक ढोके को कोई पूर्वसूचना नहीं दी थी। जब सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया तब लगातार विरोध के बाद काम रोक दिया गया। लेकिन ढोके को फसल नुकसान की भरपाई नहीं दी गई थी। लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों के दबाव में वेकोलि ने ढोके से संपर्क कर उसे जमीन अधिग्रहण के मुआवजा का 36,01259 रुपये का चेक सौंपा। इसके लिए ढोके को एक दशक का लंबा समय गंवाना पड़ा। लेकिन फसल नुकसान और जमीन के बदले खेत मालक के वारिस को आज तक नौकरी नहीं दी। जबकि नियमानुसार प्रत्येक 2 एकड़ पर प्रति एकड़ 10 से 12 लाख रूपए और 7/12 पर अंकित या उसके वारिस को वेकोलि में पक्की नौकरी का नियम हैं।

—राजीव रंजन कुशवाहा