Published On : Mon, Jul 18th, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

कोराडी बिजली घर का ऐश पॉन्ड फटने से पांच गांवों में घुसा पानी

Advertisement

जान-ओ-माल का नुकसान नहीं
जिलाधिकारी ने किया क्षतिग्रस्त तटबंध का निरीक्षण

नागपुर: जिले में पिछले तीन-चार दिनों से लगातार बारिश हो रही है। भारी बारिश के कारण कोराडी थर्मल पावर स्टेशन के फ्लाई ऐश पॉन्ड के फटने से क्षेत्र के पांच गांवों में पानी घुंस गया है। इनमें खसाला, मसाला, खैरी, कवठा, सुरादेवी गांवों का समावेश है। कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ और शाम तक बाढ़ का पानी कम हो गया। स्थिति सामान्य हो गई है। जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन टीम को उस स्थान पर तैनात किया है और जिलाधिकारी विमला आर ने स्थिति पर नजर रखने और नागरिकों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर गांव में पानी घुसने से नुकसान होता है तो तत्काल सर्वे कराएं।

Gold Rate
13 May 2025
Gold 24 KT 94,300/-
Gold 22 KT 87,700/-
Silver/Kg 97,300/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

जिलाधिकारी ने शनिवार को क्षतिग्रस्त तटबंध एवं क्षेत्र का विस्तृत निरीक्षण किया। इस अवसर पर विधान परिषद सदस्य विधायक चंद्रशेखर बावनकुले, उपविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, पावर प्लांट के मुख्य अभियंता राजेश कराडे, अधीक्षक अभियंता शिरीष वाठ, मुख्य अभियंते अभय हरणे, राजकुमार तासकर, जनसंपर्क अधिकारी यशवंत मोहिते आदि उपस्थित थे।

नागपुर जिले में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण कोराडी थर्मल पावर स्टेशन के पास स्थित खासा ऐश बांध पानी के अधिक भंडारण के कारण फट गया।

निकटवर्ती कलमना गोधनी कामठी रेलवे लाइन भी कुछ देर के लिए जलमग्न हो गई थी।आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मचारियों और रेलवे विभाग के कर्मचारियों ने तत्काल काम शुरू किया और कुछ ही समय में रेलवे लाइन को साफ कर दिया जिसके बाद रेल यातायात सुचारू रूप से शुरू हुई। कई स्थानों पर जलजमाव हुआ, लेकिन जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ। जिला प्रशासन की ओर से वहां आपदा प्रबंधन टीम भेजी गई है और उनके टीम के सदस्य गण स्थिति पर कड़ी नज़र रख रहे हैं। क्षतिग्रस्त तटबंध स्थल पर पावर स्टेशन के मुख्य अभियंता व संबंधित अधिकारी भी मौजूद हैं और कंपनी द्वारा तटबंध को बुझाने का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है।

खसाला राख बांध 341 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला हुआ है और राख लगभग 7 किलोमीटर की गहरी जगह में जमा है। पावर स्टेशन की ओर से जानकारी दी गई है कि दोपहर के करीब पानी की निकासी कम हो गई है और पानी की निकासी को पूरी तरह से रोकने के लिए पावर स्टेशन के अधिकारी कर्मचारी एवं आपदा प्रबंधन टीम के सदस्य युद्ध स्तर पर काम कर रही है।

Advertisement
Advertisement