नागपुर: विदर्भ राज्य आंदोलन समिति के बैनर तले 11 दिसंबर को पृथक विदर्भ की मांग को लेकर विदर्भ बंद रखने का निर्णय लिया गया है. समिति के मुख्य संयोजक राम नेवले ने बताया कि भाजपा विदर्भ की जनता को दिया गया वादा भूल गई है. इस मामले में नागपुर निवासी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी मौनीबाबा बन गए हैं.
विदर्भ का राग अलाप-अलाप कर सत्ता में आई भाजपा पर अब विदर्भवादियों का विश्वास नहीं रहा है, इसीलिए समिति की ओर से उग्र आंदोलन की तैयारी आरंभ कर दी गई है. पूरे नहीं किए गए आश्वासनों को लेकर 25 अक्टूबर को समिति के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने चंद्रपुर स्थित सीटीपीएस के मुख्य प्रवेशद्वार के पास ठिया आंदोलन किया गया.
अब विदर्भ बंद की तैयारी की जा रही है. चुनाव से पहले भाजपा के नेताओं ने बड़े-बड़े आश्वासन विदर्भ की जनता को दिए थे, उनमें से एक भी पूरा नहीं किया गया है. अब भाजपा नेताओं के सुर बदल गए हैं. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कहते हैं कि विदर्भ पार्टी के एजेंडे में नहीं है. चुनाव से पहले कहा था कि विदर्भ में बिजली की दरें कम करेंगे, लोडशेडिंग समाप्त कर देंगे, मगर इसका उल्टा ही कर रहे हैं. बिजली की दरें बढ़ाकर विदर्भ की जनता को लूटने का काम किया जा रहा है. विदर्भ की जनता के साथ धोखा कर भाजपा 2019 के चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. अब विदर्भ की जनता भाजपा के किसी भी झांसे में नहीं आने वाली है.
बेरोजगारों को मिले काम
पूर्व विधायक वामनराव चटप ने कहा कि बिजली कारखाने की वजह से चंद्रपुर शहर देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है. सरकार और 132 कोयला अधारित बिजली परियोजनाएं विदर्भ में स्थापित करने जा रही है. प्रदूषण का जहर विदर्भ की जनता पिये और बिजली पश्चिम महाराष्ट्र को मिले यह धंधा अब सहन नहीं किया जाएगा. विदर्भ में अब बिजली कारखानों की नहीं, बल्कि बरोजगारों को काम दिलाने के लिए अन्य उद्योग-धंधे विदर्भ में लाए जाएं और यह तब ही संभव है, जब हम उद्योगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराएंगे. पृथक विदर्भ के गठन के बाद यह संभव हो सकेगा सरकार ने तत्काल पृथक विदर्भ के गठन की घोषणा करनी चाहिए.
वहीं दूसरी ओर भाजपाइयों का मानना हैं कि अगले विधानसभा चुनाव पूर्व केंद्र व राज्य में सत्ताधारी भाजपा पृथक विदर्भ की घोषणा कर देंगे, यह और बात है कि घोषणा करने बाद लगभग एक वर्ष पूर्ण करने सम्बन्धी प्रक्रिया पूरी करने में लगती है. भाजपा सरकार पृथक विदर्भ की घोषणा कर पुनः सत्ता में आने के लिए जनमत मांगेगी ताकि रही सही कसर पूरी की जा सके. फ़िलहाल राज्य सरकार के खजाने से पृथक राज्य के लिए सभी जरूरी व्यवस्था पूरी की जा रही है, जो पृथक विदर्भ बनने के बाद काफी राहत भरा साबित हो सकता है.
