नागपुर: खामला स्थित फ़रियाज होटल लिमिटेड द्वारा निर्मित की गयी ईमारत पर जिला प्रशाषन की मेहरबानी बनी हुई है। नागपुर सुधार प्रन्यास द्वारा लगातार आपत्ति उठाए जाने के बाद अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है। ख़ास है की इतना सब कुछ होने के बावजूद न सिर्फ बेरोकटोक इस ईमारत का निर्माण हो गया बल्कि यहाँ लोग रहने भी आ गए। एनआइटी बीते कई वर्षो से लगातार खामला के सर्वे क्रमांक 82 से 95 में हुए निर्माण कार्य की जाँच की माँग जिलाधिकारी कार्यालय से कर रहा है। लेकिन इस मामले में अब तक क्या एक्शन लिया गया इसकी जानकारी अब तक सामने नहीं आयी है।
हालही में तीन महीने पहले एनआइटी द्वारा 12 जुलाई 2017 को फिर एक पत्र जिलाधिकारी कार्यालय को लिखा गया। जिसमे अपनी रिपोर्ट का विवरण देते हुए इस मामले की जाँच कर रिपोर्ट सौपने को कहाँ गया। इस पत्र के साथ एनआइटी अपने सर्वे का हवाला भी दिया था। एनआइटी ने अपने पत्र में बताया की।
1 ) जिस जमीन पर ईमारत का निर्माण किया गया है और उसका जो नक्शा पास किया गया है उसमे विसंगतिया है। ईमारत के निर्माण में अनियमितता के साथ नियमों का उल्लंघन भी है।
2 ) ईमारत के A,B,C विंग के तलमाले में पार्किंग की जगह पर दिवार का निर्माण किया गया है। जबकि नक़्शे में यह जगह वाहन पार्किंग के लिए दिखाई गयी है।
3 ) A,B,C विंग के पहले माले में पास नक़्शे से ज्यादा बालकनी का निर्माण कार्य किया गया है।
4 ) विंग A और विंग C पहले माले से लेकर 11 वे माले तक जबकि विंग B में पहले से 10 वे माले तक कॉमन पॅसेजे की जगह पर फ्लैट का निर्माण किया गया है।
5 ) विंग A और विंग C के 11 वे और विंग B के 10 वे माले पर नियम को दरकिनार कर निर्माण किया गया है।
ईमारत के निर्माणकार्य में हुई लापरवाही को उजागर करने वाले आरटीआई कार्यकर्त्ता टी एच नायडू ने फिर एक बार एनआइटी और जिलाधिकारी कार्यालय को पत्र लिखकर मामले की जाँच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की अपील की है जिससे की लोग धोखाधड़ी से बच सके।