Published On : Thu, Oct 4th, 2018

VNIT में ख़राब खाने का बहाना कर कुछ लोग संस्थान पर साध रहे निशाना – विश्राम जामदार

नागपुर : विश्वेसरैया नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी ( VNIT ) की मेस में विद्यार्थियों को ख़राब भोजन दिए जाने ला मामला तूल पकड़ते जा रहा है। एक तरफ विद्यार्थी संस्थान से विभिन्न तरह की माँगो को लेकर आंदोलन कर रहे है। दूसरी तरफ संस्थान के प्रशासन का कहना है की इस मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है। जबकि विद्यार्थियों की माँग को पहले ही मानी जा चुकी है।

VNIT के अध्यक्ष विश्राम जामदार के मुताबिक 29 तारीख को मामला उनके संज्ञान में आया था। जिसके बाद उन्होंने ख़ुद निरिक्षण कर विद्यार्थियों से बात की। विद्यार्थियों के साथ ही प्रिंसिपल,प्रोफ़ेसर हॉस्टल के वार्डन ने साथ में खाना भी खाया था जिसमे किसी तरह की शिकायत नहीं पायी गई। बावजूद इसके विद्यार्थियों की माँग पर मेस के कॉन्ट्रेक्टर को 1 अक्टूबर को ही बदल दिया गया।

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जामदार का कहना है कि संस्थान में विश्व स्तरीय कैंटीन की व्यवस्था है जिसकी समय-समय पर जाँच की जाती है। गर्ल्स हॉस्टल की कुछ विद्यार्थियों के बीमार होने के बाद मामले ने तूल पकड़ा। मीडिया में खबर आयी की छात्राओं को विषबाधा हुई है लेकिन ऐसा कुछ नहीं था

VNIT के डॉक्टर ने छात्राओं की जाँच की जिसमे उन्हें वॉयरल फ़ीवर होने की बात सामने आयी। लगभग 22 छात्राओं को बुखार ज़्यादा था जिन्हे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। भर्ती कराई गई छात्राओं में से 16 की छुट्टी हो चुकी है और वह स्वस्थ है जबकि बची 6 छात्राओं को गुरुवार को छुट्टी मिल जायेगी।

जामदार फ़िलहाल शहर से बाहर है लेकिन उन्होंने नागपुर टुडे से फ़ोन पर हुई बातचीत में बताया की उनके संस्थान में आने के बाद कई तरह के बदलाव किये गए जिस वजह से संस्थान के भीतर और कुछ बाहरी लोगों के हितों को नुकसान पहुँचा है। इसलिए विद्यार्थियों को आड़ में रखकर VNIT प्रसाशन को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास हो रहा है। अध्यक्ष ने विद्यार्थियों की हर समस्या को सुलझाने का दावा किया है।

VNIT भले ही विद्यार्थियों की समस्या को सुलझाने का दावा करते दिखाई दे रहे हो,लेकिन संस्थान के छात्र अपनी माँग पर अड़े है एक छात्र ने बताया की कल रात को उन्हें अच्छा खाना मिला। लेकिन वो आये दिन होने वाली समस्याओं को ख़त्म करना चाहते है। जिसके लिए वो कई माध्यमों से लड़ाई भी लड़ रहे है। छात्रों ने ट्विटर पर सफरिंग VNIT स्टूडेंट नाम से कैम्पेन चला रखा है जिसे काफ़ी रिस्पॉन्स मिल रहा है। छात्र ट्विटर पर लिखी जा रही अपनी बात को लगातार मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को भी पहुँचा रहे है। बावजूद इसके कई मामलों में ट्विटर पर एक्टिव रहने वाले मोदी सरकार के मंत्रालय और मंत्रियों ने छात्रों के ट्वीट का अब तक कोई ज़वाब नहीं दिया है।

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