Published On : Sat, Jul 27th, 2019

नियमों का उल्लंघन: स्कूलों के नाम पर लाइसेंस न देते हुए कैटरर्स के नाम पर लाइसेंस दे रहा है फ़ूड डिपार्टमेंट

Advertisement

नागपुर: मौसम के चलते फ़ूड पॉइज़निंग की कई शिकायतें आ रही है. कई बार शहर में ऐसे मामले भी सामने आए है जहां स्कूली विद्यार्थियों के खाने में इल्लिया भी पायी गई थी. इसके साथ ही फ़ूड पॉइज़निंग की कई घटनाएं भी कुछ महीनों में सामने आयी है. विद्यार्थियों के स्वास्थ को लेकर राष्ट्रीय बाल हक्क आयोग सजग रहा है और इसके लिए समय समय पर राज्य सरकारों को दिशा निर्देश भी दिए गए है.

लेकिन विभागों की ओर से लापरवाही की जा रही है. आरटीई एक्शन कमेटी के चेयरमैन मो.शाहिद शरीफ के अनुसार फ़ूड डिपार्टमेंट ने स्कूलों को लाइसेंस नहीं दिया है बल्कि स्कूलों में खाना सप्लाई करनेवाले कैटरर्स को लाइसेंस दिया गया है. शरीफ ने बताया की नियमानुसार विद्यार्थियों की संपूर्ण ज़िम्मेदारी प्राध्यापक और संस्थापक की होती है और नियम में स्पष्ट है कि स्कूलों को लाइसेंस देने का उल्लेख किया गया है.

यदि कैंटीन से किसी भी प्रकार का व्यंजन खाकर विद्यार्थियों को फ़ूड पॉइज़निंग होती है तो उसके लिए स्कूल प्रशासन ज़िम्मेदार नहीं रहेगा बल्कि कैंटीन संचालक ज़िम्मेदार रहेगा. लेकिन वास्तव में ज़िम्मेदारी स्कुल प्रिंसिपल की होती है. शरीफ ने कहा है कि तत्काल प्रभाव से शिक्षा के जितने भी प्रतिष्ठान को खाद्य सामग्री के व्यवसाय करने के लिए लाइसेंस दिए गए हैं उसको तत्काल रद्द कर लाइसेंस संस्थाओं तथा स्कूल कॉलेज के नाम पर करें नहीं करने पर विद्यार्थियों की सुरक्षा और नियम का उल्लंघन पर एफडीए के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने बताया कि एफडीए ने अभी तक एक भी शैक्षणिक प्रतिष्ठान से खाने का नमूना नहीं लिया है. स्कूलों द्वारा चलाई जा रही कैंटीनों के नमूने भी लेना ज़रूरी है. बच्चों की सुरक्षा के लिए इस संदर्भ में सहायुक्त खाद्य एवं औषधि नागपुर विभाग को शिकायत दी जा चुकी है.

इस बारे में फ़ूड विभाग के सहायक आयुक्त देशपांडे से संपर्क करने की कोशिश की गई. लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.