गोंदिया। इंसानों के लिए , जानवरों के खाने योग्य चावल जमा करने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। बता दें कि चावल की गुणवत्ता की जांच कर रही है फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के केंद्रीय दल की टीमों ने 7 मई को गोंदिया जिले के देवरी स्थित गोदाम पर दस्तक दी थी , जब चावल के गुणवत्ता की जांच शुरू की तो यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई कि देवरी के 7 राइस मिलर्स ने सरकार से अच्छी क्वालिटी के धान की पैडी तो ले ली लेकिन घटिया चावल गोदाम में जमा कर दिया जो इंसान तो छोड़िए , यह चावल जानवरों के खाने के लायक नहीं ? इस संदर्भ में केंद्रीय जांच दल ने रिपोर्ट गोंदिया कलेक्टर को सौंपी और अब अच्छा धान लेकर , घटिया चावल जमा करने वाले 7 मिलों को 3 वर्षों के लिए ब्लैक लिस्टेड किया गया है ।
आखिर क्या है पूरा मामला ?
जिला मार्केटिंग फेडरेशन और आदिवासी विकास महामंडल की ओर से शासकीय धान खरीदी केंद्रों के माध्यम से खरीदी किए गए धान को कस्टम मिलिंग हेतु जिला आपूर्ति अधिकारी कार्यालय देवरी द्वारा अप्रैल 2022 में भाड़े पर लिए गए आशु गोदाम में जमा किया गया था।
खरीदी किए गए धान को कस्टम मिलिंग हेतु अन्य राइस मिलों सहित देवरी तहसील के बसंत राइस मिल ( डोंगरगांव ) , तिरुपति राइस मिल ( देवरी ) महाराष्ट्र एग्रो इंडस्ट्रीज ( चिचगढ़ ) , मां भगवती राइस इंडस्ट्री ( देवरी ) , इंडियन फूड प्रोडक्ट्स ( चिचगढ़ ) बालाजी राइस मिल ( बोरगांव बाजार ) मां शक्ति राइस इंडस्ट्रीज ( देवरी ) के साथ कस्टम मिलिंग का करार (एग्रीमेंट ) किया गया था।
इन 7 मिलर्स ने करोड़ों रुपए का जो 27 लाट CMR चावल जमा किया था उस दौरान चावल गुणवत्ता अधिकारी ( क्वालिटी कंट्रोलर ) के पद पर सतीश अगड़े नियुक्त थे।।
गोदाम में जमा किए गए चावल की गुणवत्ता को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई जिसके बाद केंद्रीय जांच दल ने 07 मई को चावल की जांच की और इसे खाने के अयोग्य पाया जिसकी जानकारी गोंदिया जिलाधिकारी को दी गई।
अब गोंदिया कलेक्टर चिन्मय गोतमारे का कहना है कि- 7 राइस मिलर्स ने सीएमआर चावल जो जमा किया था उसे केंद्रीय पथक के जांच मुताबिक खाने के लिए अयोग्य घोषित किया गया है , उस रिपोर्ट अनुसार जिला प्रशासन ने शासन आदेशानुसार कार्रवाई करते हुए 3 वर्षों के लिए 7 राइस मिलों को काली सूची ( ब्लैक लिस्टेड ) कर दिया है और नया चावल जमा करने के आदेश कलेक्ट्रेट द्वारा दिए गए हैं।
रवि आर्य