
गोंदिया। युवाओं में तेजी से बढ़ती नशाखोरी की प्रवृत्ति के खिलाफ नशा मुक्त, चरित्रवान और चेतनावान समाज के निर्माण के उद्देश्य से गोंदिया में एक ऐतिहासिक जनजागरण पदयात्रा और जनसभा का आयोजन किया गया।
नशा समाज का दुश्मन, चेतना पदयात्रा से सीधा वार नशा मुक्त परिवार–खुशहाल भारत अभियान के तहत भगवती मानव कल्याण संगठन द्वारा आयोजित इस आंदोलन में 5000 से अधिक नागरिकों ने भाग लेकर नशे के खिलाफ सड़कों पर खुली हुंकार भरी। नशे को ना, जीवन को हां” के नारों से पूरा शहर गूंज उठा और गोंदिया जिले को नशा मुक्त घोषित करने की मांग पूरी ताकत से उठी। सोमवार 15 दिसंबर को मरारटोली इलाके के नारायणी लान से आरंभ हुई लगभग 10 किलोमीटर लंबी चेतना पदयात्रा शहर के प्रमुख चौक-चौराहों से होते हुए पुनः नारायणी लान पहुंची, जहां यह भव्य जनसंपर्क सभा में परिवर्तित हो गई।
नशा बंद होगा तभी अपराध थमेगा
सभा को संबोधित करते हुए संगठन की केंद्रीय अध्यक्ष शक्ति स्वरूपा बहन पूजा शुक्ला ने दो टूक कहा कि- अपराध की मूल जड़ नशा है और जब तक नशे पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगेगा, तब तक सुसंस्कृत, सुसभ्य और विकसित समाज की कल्पना अधूरी रहेगी। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार और प्रशासन से अपील की कि बिहार मॉडल की तर्ज पर पूरे राज्य में नशा मुक्ति अभियान चलाया जाए और इसकी शुरुआत गोंदिया जिले को नशा मुक्त घोषित कर की जाए। उन्होंने कहा कि संगठन के कार्यकर्ताओं ने कई स्थानों पर अवैध शराब पकड़ने में सक्रिय भूमिका निभाई है, इसके बावजूद नशे का जाल टूटा नहीं है। हम सरकार से मांग करते हैं कि शराब, मादक पदार्थ, तंबाकू, गुटखा जैसे सामाजिक जहर की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।
गोंदिया जिला बने नशा मुक्त मॉडल
संगठन के केंद्रीय महासचिव अजय अवस्थी ने कहा कि- युग चेतना पुरुष परमहंस योगीराज महाराज के मार्गदर्शन में नशा मुक्त समाज निर्माण की शुरुआत मध्य प्रदेश के पंचज्योति शक्ति तीर्थ सिद्धाश्रम धाम तहसील ब्यौहारी जिला शहडोल से हुई थी। आज यह जनआंदोलन भारत के 173 जिलों और नेपाल के कई जिलों तक फैल चुका है। उन्होंने बताया कि अब तक 10,000 से अधिक लोग आश्रम पहुंचकर नशा छोड़ चुके हैं और नया जीवन शुरू कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि जिस तरह महाराष्ट्र सरकार ने गुटखा, सुगंधित तंबाकू और पान मसाला पर प्रतिबंध लगाया है, उसी तरह नशे पर पूर्ण प्रतिबंध लगाकर गोंदिया को नशा मुक्त जिला घोषित किया जाए। अजय अवस्थी ने चेताया कि नशा केवल व्यक्ति नहीं, पूरे परिवार और समाज को खोखला करता है। नशा मुक्ति कोई औपचारिक अभियान नहीं, बल्कि एक सामाजिक क्रांति है, जिसे घर-घर तक पहुंचाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।
रवि आर्य











