गोंदिया नगर परिषद की दुकानों में बिना परमिशन लिए अवैध बहु मंजिला निर्माण का खेल चल रहा है ।
करीब 40–50 साल पहले नगर परिषद ने गरीबों और छोटे व्यापारियों की आजीविका के लिए 370 दुकानें बनाकर किराए पर दी थीं लेकिन अब हालात ऐसे हैं कि किराएदार खुद को जमीन मालिक समझ बैठे हैं।
नगर परिषद अधिनियम के मुताबिक, किराएदार दुकान में न तो तोड़फोड़ कर सकता है और न ही आगे किराए पर दे सकता है इसके लिए हर साल स्टांप पेपर पर एफिडेविट भी भरना होता है लेकिन हकीकत यह है कि पुराना गंज बाजार , नया गंज , सब्जी मंडी , मनिहारी मार्केट , नाई लाइन , किराना ओली , लोहा लाइन , प्रीतम चौक , शारदा वाचनालय के सामने , नगर परिषद कार्यालय के सामने , तेली लाइन , चना- मुर्रा लाइन , मजदूर चौक , चूना लाइन , पान लाइन , कपड़ा लाइन इन इलाकों में 370 में से 100 से ज़्यादा दुकानों को तोड़कर 2 से 3 मंज़िला पक्की इमारतें खड़ी कर दी गई हैं।
इससे जहां एक तरफ नगर परिषद प्रशासन को हर साल लाखों के राजस्व का नुकसान हो रहा है वहीं किराएदार खुलेआम मालिक बन बैठे हैं ।
रिपेयरिंग का बहाना , बहुमंजिला दुकानों का खेल
इस खेल की शुरुआत 5 साल पहले सब्जी मंडी के मजदूर चौक से हुई थी व्यापारी संगठन के प्रमुख पदाधिकारी द्वारा अपनी टीन शेड की दुकान में बारिश का पानी आने का बहाना करते हुए रिपेयरिंग की परमिशन ली गई और उसी बहाने दुकान को बना दिया दो मंज़िला!
फिर शुरू हुआ देखा–देखी का खेल… अब तो कोई परमिशन लेने भी नहीं जाता सीधे नगर परिषद की स्लैब वाली दुकान तोड़ो, तीन मंज़िला खड़ा करो।
पुराना गंज हनुमान मंदिर निकट बोरकर गुरुजी किराना स्टोर्स नामक दुकानदार ने तो हद कर दी 3000 फीट में तीन मंजिला दुकानें बनाकर उसमें चिल्लर सब्जी वालों के लिए गाले बनाकर , किराए पर दे रखे है यह मिलीभगत और भ्रष्टाचार के संगम जीता जागता सबूत हैं।
सूत्रों के मुताबिक नगर परिषद का बाजार विभाग, टाउन प्लानिंग और बांधकाम शाखा सबकी आंखों के सामने यह खेल चल रहा है।
अब बड़ा सवाल यही आखिर कब होगी इस अवैध साम्राज्य पर नगर परिषद के तोड़ूं दस्ते की कार्रवाई ?
5 लाख का चढ़ावा , 7 दुकानें पक्की..छुटभैये नेता का कारनामा
धन के लालच , अफसरों के सांठगांठ से अवैध निर्माण को गोंदिया में ग्रीन सिग्नल मिल चुका है और तो और, एक छुटभैया बीजेपी नेता इस भ्रष्टाचार को अपने फायदे का धंधा बना चुका है , आरोप है कि- इस तथाकथित स्वयंभू नेता ने 7 दुकानों के निर्माण के लिए दुकानदारों से वसूले हैं 5 लाख रुपए और वादा किया “सब मैनेज कर दूंगा, कार्रवाई कोई नहीं करेगा ” ?
यहां परिषद की स्लैब की दुकानों को तोड़कर 6 बहुमंजिला दुकानें कपड़ा लाइन से शंकर गली चौक तक बन रही है , जिनमें पांच दुकानें आपस में लगी हुई है तथा एक बाजू में ही बन रही है , यहां अवैध निर्माण कर रहे दुकानदारों ने मुख्य सड़क से सब्जी मंडी में आने-जाने की गली को भी नहीं बख्शा और उस जमीन पर भी अतिक्रमण कर , दुकान में शामिल कर दुकानों को लंबा- चौड़ा और बहु मंजिला कर दिया है।
सातवीं दुकान जय भोले होटल के बाजू में बन रही है , सामने शटर बंद अंदर निर्माण कार्य चालू है।
लाखों का राजस्व घटा इसके लिए जिम्मेदार कौन ?
वर्ष भर में महज़ चंद हजार रूपए प्रति दुकान का किराया भरने वाले यह दुकानदार करोड़ों में अपनी दुकान पगड़ी लेकर बेच रहे हैं , लेकिन गोंदिया नगर परिषद को क्या मिलता है ठेंगा…?
बता दें कि गोंदिया नगर परिषद ने गत 3 वर्षों से दुकान फेरफार प्रणाली पर रोक लगा रखी है बावजूद इसके नगर परिषद मालकीयत के दुकानों की खरीदी- बिक्री आपसी रजिस्ट्री नोटरी द्वारा चालू है।
बेलगाम दुकानदारों पर होगी कार्रवाई- मुख्य अधिकारी
जब गोंदिया नगर परिषद मुख्य अधिकारी बोरकर से , किरायेदारों द्वारा इस बहु मंजिला इमारतें खड़ी करने के विषय पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा तो CEO संदीप बोरकर ने मीडिया से कहा – मैं इलेक्शन के काम में व्यस्त था ,मुझे अभी 2 दिन पूर्व ही यह जानकारी मिली है, फाइल निकाली जा रही है बेलगाम दुकानदारों को वकील के जरिए नोटिस भेजे जा रहे हैं, जल्द ही निश्चित रूप से कार्रवाई होगी।
विशेष उल्लेखनीय है कि 6 महीनों में गोंदिया नगर परिषद के 4 मुख्य अधिकारी बदले गए ,निकाय चुनाव साढ़े 3 साल से अटके पड़े हैं और इसी का फायदा उठा रहे दुकानदारों का मनोबल सातवें आसमान पर है , बिना परमिशन बहुमंज़िला निर्माण कार्य चालू है तथा किराएदार , मालिक बन बैठे हैं। ऐसे में सवाल यही कि-आखिर कब होगी इस “अवैध साम्राज्य” पर कार्रवाई ?
रवि आर्य