गोंदिया। गोंदिया जिले के तिरोड़ा–गोरेगांव मार्ग पर शाम लगभग 5:30 बजे एक ऐसा हादसा हुआ जिसने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया।
चुरड़ी गाँव के पास सड़क किनारे खड़ा एक पुराना, सूखा और विशाल पेड़ अचानक स्कूल से घर लौट रहे बच्चों की मैक्सी वैन पर जा गिरा।
कुछ ही सेकंड में बच्चों की हंसी चीखों में बदल गई।
पेड़ के गिरते ही जोरदार धमाका हुआ और स्कूली वैन का अगला हिस्सा लोहे के मलबे में तब्दील हो गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यह पेड़ काफी समय से सूख चुका था और खतरा बना हुआ था, लेकिन किसी ने उसकी सुध नहीं ली।
एक ग्रामीण ने कहा-हमने कई बार वन विभाग और यातायात विभाग को बताया था, पर कोई सुनवाई नहीं हुई..आज मासूम बच्चों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।
ग्रामीण बने फ़रिश्ते , फंसे जख्मी स्कूली बच्चों को बाहर निकाला
पेड़ गिरते ही आसपास के लोग मौके पर दौड़े और अपनी जान की परवाह किए बिना राहत कार्य शुरू कर दिया।
मलबे में फँसे बच्चों को ग्रामीणों ने अपने हाथों से निकालकर बचाया।
घायलों को तुरंत स्थानीय ग्रामीण अस्पताल पहुँचाया गया कई छात्रों को सिर, हाथ और पैर में गंभीर चोटें आईं।
गंभीर रूप से घायल बच्चों को गोंदिया के केटीएम अस्पताल रेफर किया गया है।
लापरवाही की जड़ से निकली त्रासदी , एक पल में खुशियां बनी चीख
हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में आक्रोश और गुस्सा है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस सड़क किनारे कई जर्जर पेड़ अब भी खड़े हैं जो कभी भी मौत बनकर गिर सकते हैं।
वन विभाग, परिवहन विभाग और पुलिस नियंत्रण शाखा पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं।
लोगों का कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई होती, तो यह हादसा टल सकता था।
रात तक चलता रहा राहत कार्य
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस दल और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुँचे।
पेड़ को काटकर सड़क से हटाने और यातायात बहाल करने का कार्य देर रात तक जारी रहा।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
रवि आर्य