Published On : Fri, Jan 11th, 2019

विदर्भ: जिला मध्यवर्ती बैंकों का राज्य सहकारी बैंक में विलीनीकरण

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सरकार की मंजूरी से किसान वर्ग सकते में नागपुर

केंद्र सरकार द्वारा ३ बैंकों के विलीनीकरण के बाद अब राज्य सरकार ने ३ सहकारी बैंकों का विलीनीकरण करने का निर्णय लिया है. इसमें नागपुर,वर्धा व बुलढाणा जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों के संचलन की जिम्मेदारी महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक को सौंपा जाएगा व साथ ही साथ विलीनीकरण भी किया जाएगा. इसके लिए महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक को १०० करोड़ रुपए देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है.

याद रहे कि जिला मध्यवर्ती बैंकों को किसानों का बैंक कहा जाता है. ग्रामीण वित्त व्यवस्था इन्हीं बैंकों के माध्यम से आदान-प्रदान होती है. मध्यवर्ती बैंक के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के उपयोगकर्ताओं को काफी सहूलियतें दी गई, जिससे यह बैंक ग्रामीण ख़ासतौर से किसानों में महत्वपूर्ण जगह बना ली है. उन्हें कर्ज के लिए ज्यादा परेशानी नहीं दी जाती. जबकि राष्ट्रीयकृत बैंक से कर्ज लेना काफी अड़चन भरा होता है. सारी मेहनत के बाद उन्हें कर्ज मिलता है भी, नहीं भी. मिला तो महंगे ब्याज वाली योजना उनकी कमर तोड़ देती है. इस वजह से किसान वर्ग मध्यवर्ती बैंक को आर्थिक मामले में तरजीह देते हैं.

पिछले कुछ वर्षों से जिला मध्यवर्ती बैंक आर्थिक अड़चन के दौर से गुजर रही है. खासकर विदर्भ के नागपुर,वर्धा व बुलढाणा जिले के जिला मध्यवर्ती बैंक तंगहाल में हैं. इसके लिए जिम्मेदार नागपुर जिला के मध्यवर्ती बैंक में कुछ दशक पूर्व हुए घोटाले को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था. दूसरी ओर वर्धा व बुलढाणा के मध्यवर्ती बैंक के डूबने के लिए अलग-अलग कारण बतलाए जा रहे हैं. इन बैंकों को आर्थिक अड़चनों से मुक्ति दिलवाने के लिए कुछ वर्ष पूर्व २०० करोड़ की मदद की गई थी, लेकिन मामला जस का तस रहा.

नागपुर जिला मध्यवर्ती बैंक इस क्रम में नफा में आई. कर्जों की वसूली हुई. इस वजह से रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने लगाए गए प्रतिबन्ध भी हटा लिए. इसके बावजूद राज्य सरकार ने उक्त तीनों बैंकों के संचलन के लिए महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के प्रस्ताव को मान्यता दी है. इसके साथ ही इन तीनों बैंकों का विलीनीकरण महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक में करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई.

उल्लेखनीय यह है कि सरकार के उक्त निर्णय से किसानों के जिला मध्यवर्ती बैंक का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा. इसका सीधा असर किसानों पर पड़ने की चिंता जताई जा रही है. नागपुर जिला मध्यवर्ती बैंक में ६७० करोड़ का ‘एफडी’ है. ८०००० के ऊपर किसानों को कर्ज दिया गया है.