उरी हमले शहीद हुए जवान देश के अलग-अलग हिस्सों से आकर सीमा की रक्षा में लगे थे. उन्हें भाषा पर विवाद नहीं था, वो जातिवाद के शिकार भी नहीं थे. उन्हें सिर्फ तिरंगा प्यारा था और वे देश के लिए लड़ते हुए शहीद हो गए. देश के हर नागरिक को उन वीर सपूतों पर नाज है. १८ शहीद हुए जवानों मे विदर्भ के सुपुत्र उईके जनराव भी है जिनके बारे में बताने जा रहे हैं.
सिपाही उईके जनराव : अमरावती, महाराष्ट्र
अमरावती के रहने वाले शहीद पंजाब जानराव उईके के घर भी यह खबर मातम का संदेश बन गई. पलक झपके ही मातम पूरे गांव में फैल गया. लेकिन, उनके परिवार के कुछ सदस्यों को इस बारे में कुछ बताया ही नहीं गया. कुछ लोग खबर को अफवाह बताते भी नजर आएं शायद उम्मीद थी कि खबर झूठी निकल जाए.
उईके की अभी शादी नहीं हुई थी लेकिन मां-बाप के बुढ़ापे की वह उम्मीद था. अपने पिता की तरह देश के लिए मरने की कसम उसने बचपन में ही खा ली थी. उसके पिता जानराव भी सेना में थे और देश की सेवा की थी. पूरे गांव को लोग इस हालात में उनके साथ खड़े हैं.
शहीद 18 जवानों में से दो डोगरा रेजीमेंट और 15 बिहार रेजीमेंट हैं. डोगरा रेजिमेंट वाले जवान जम्मू कश्मीर के रहने वाले थे . जबकि बिहार रेजिमेंट के शहीद जवानों में 4 यूपी, 3 बिहार, 3 महाराष्ट्र, 2 झारखंड, 2 पश्चिम बंगाल और 1 राजस्थान के थे. घायल हुए जवान भी अलग-अलग हिस्सों से हैं.