Published On : Sat, Aug 12th, 2017

बहुत दुर्भाग्यशाली व्यक्ति हैं पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी – इंद्रेश कुमार


नागपुर: पूर्व राष्ट्रपति हामिद अंसारी बहुत ही दुर्भाग्यशाली व्यक्ति हैं. कुर्सी पर जब वे थे तो सेक्यूलर थे और जब उतरे तो कट्टरपंथी बन गए. वे पहले भारतीय थे और बाद में सांप्रदायिक बन गए. वे पूरी तरह से कांग्रेसी ही हैं. यह तल्ख टिप्पणी मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संयोजक व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सदस्य इंद्रेश ने दी. वे यहां शनिवार को मंच द्वारा आयोजित रक्षाबंधन कार्यक्रम मे पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि अंसारी जहां भी जाना चाहते हैं वहां खुशी से जा सकते हैं.

इंद्रेश ने बताया कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की कश्मीर को लेकर कुपवाड़ा में सभा की गई थी. उन्होंने बताया कि एकीकृत कश्मीर का नारा पीओके हमेशा से ही देता रहा है. उसी को लेकर मेहबूबा मुफ्ति, फारूक अब्दुल्ला, ओमर अब्दुल्ला से चर्चा चल रही है. अब तक दोनों ही सदनों में 24 सीटें खाली हैं. जिसको नामांकन या फिर चुनाव के जरिए भरा जाएगा. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान कश्मीर पर जुल्म कर रहा है. जो जगह पाकिस्तान की नहीं हैं उसको मुक्त करने के लिए सभी कटिबद्ध है. उन्होंने कहा कि कश्मीरियों को तालीम, तरक्की और हिंदुस्तान चाहिए.

चीन को लेकर इंद्रेश ने कहा बात करते हुए कहा कि चीन ने पाकिस्तान में कुछ प्रोजेक्ट शुरू किए हैं. जिसमें उसने अपने चीनी लोगों को रखा है. जिसके कारण पाकिस्तान के सांसदों ने भी नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान को अब चीन से ज्यादा खतरा है. 14 अगस्त तक हजारों मुस्लिम पकिस्तान का झंडा कश्मीर में जलाएंगे। इस आंदोलन को मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा शुरू किया जाएगा.

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उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा मदरसों को झंडा वंदन किए जाने के सबूत पेश के विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि किसी को सबूत देने की जरूरत नहीं है. आज भी मुस्लिम बहुल इलाकों को मिनी पकिस्तान कहा जाता है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. इस कलंक को अब तक किसी भी सरकार ने दूर नहीं किया था. मदरसों के लिए उत्तरप्रदेश सरकार की कई योजनाएं हैं. इसलिए सरकार की मंशा है तहजीब को प्रमोट करने की है, न की झंडा वंदन को. वहीं आरएसएस द्वारा कई वर्षो तक तिरंगा नहीं फहराने के जवाब पर भी उन्होंने दूसरे ही मुद्दे को पेश किया. जिसके लिए उन्होंने पिछली सरकार को जिम्मेदार ठहराया.


शनिवार को मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की ओर से रक्षाबंधन का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसमें कार्यकर्ताओं समेत सैकड़ों मुस्लिम महिलाएं मौजूद थीं. इस कार्यक्रम में मुस्लिम राष्ट्रमंच के मार्गदर्शक व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सदस्य प्रमुख इंद्रेश कुमार प्रमुख रूप से मौजूद थे. इस दौरान रक्षा बंधन के अवसर पर महिलाओं ने उन्हें राखियां बांधी. इस दौरान पत्र परिषद का आयोजन किया गया था. जहांपर इंद्रेशकुमार ने पत्रकारों से चर्चा की. उन्होंने बताया कि भारत में मुस्लिमानों में सामूहिक रूप से रक्षाबंधन के त्योहार को मनाया जाता है। इसलिए इस त्योहार को बिना धर्म और भेदभाव के साथ मनाने का निर्णय लिया गया. उन्होंने बताया कि 3 अगस्त से लेकर 12 अगस्त तक देश के विभिन्न शहरों में रक्षाबंधन के कार्यक्रम किए गए. जिसमें जयपुर, दिल्ली, गुड़गांव, हरियाणा, वाराणसी और नागपुर को चुना गया. इनमें से दो कार्यक्रम दिव्यांगों के साथ मनाए गए. उन्होंने बताया कि रक्षाबंधन ऐसा त्यौहार है जिसे मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध सभी लोग मनाते हैं. 23 देशों के जो शरणार्थी भारत में हैं वह भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे. यह भाईचारे का त्यौहार है. उन्होंने कहा कि एक दूसरे के प्रति सुरक्षा का भाव का त्यौहार है रक्षाबंधन.

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