Published On : Tue, Dec 2nd, 2014

भद्रावती : जमीन लेकर मुआवजे के साथ नौकरी भी देगी वेकोलि

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  • किसान कौडिय़ों के मोल न दें निजी कंपनियों को जमीन : अहीर की कृषकों से अपील
  • केन्द्रीय राज्यमंत्री ने अधिकारियों से सघन चर्चा कर किसानों की हितों में कार्य करने को कहा

Hansraj Ahir
भद्रावती (चंद्रपुर)। सरकारी की तरफ से भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड की ओर से किसानों की जमीन लेने का कार्य शीघ्र शुरू होगा, परंतु इस प्रक्रिया में काफी तकनीकी अड़चनें पेश आ रही हैं. ऐसी परिस्थितियों में महसूल विभाग के अधिकारी किसानों को सहयोग देना चाहिए. किसानों के हितों के लिए अधिकारियों को ईमानदारी से काम करने की जरूरत है. इससे पूर्व सरकार ने कोल ब्लॉक के वितरण किसानों के हित न देखते हुए कर दिया. परिणामस्वरूप एम्टा, डागा, सलफ्लैग जैसी निजी कंपनियों को कौड़ी के मोल अपनी जमीन किसानों को देनी पड़ी, परंतु अब वे कोल ब्लॉक रद्दे कर दिए गए. इसलिए अब किसान कौड़ी के मोल निजी कंपनियों को जमीन न दें. उक्त आशय की सलाह केन्द्रीय राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने माजरी में आयोजित एक बैठक के दरम्यान दी.

इस अवसर पर क्षेत्र के किसानों के साथ वेकोलि महाप्रबंधक सुभाषचंद्र सिंह, वरिष्ठ कार्मिक प्रबंधक बी. शेगांवकर, योजना अधिकारी जाकिर हुसैन, सरकार के महसूल, भूमापन, सिंचाई विभाग के अधिकारी, तहसीलदार व उपविभागीय अधिकारी उपस्थित थे.

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किसानों के भविष्य की सुरक्षा करनी चाहिए
उन्होंने आगे कहा कि किसानों की जमीन अधिग्रहीत कर निजी कंपनियों को कौड़ी के भाव में देने के बाद अब न्याय दिलाने का समय आ गया है. आज तक किसान न्याय के लिए भटक रहे थे, परंतु उक्त रद्द कोल ब्लॉक वेकोलि को देने के लिए हम प्रयत्नशील हैं. इस हिसाब से वेकोलि किसानों की जमीन लेकर किसानों को मुआवजे के साथ नौकरी भी देगी. ऐसे ही निजी कंपनियां भी उचित भाव देकर किसानों के भविष्य की सुरक्षा करनी चाहिए. यदि ऐसा नहीं होता है तो फिर एक बार न्याय व हक की लड़ाई के लिए किसानों को जूझना पड़ेगा. निजी कम्पनियां प्रकल्पग्रस्तों को 1 से 10 हजार रुपये पगार देकर शोषण कर रही हैं. यह क्रम यूं ही जारी रह सकता है इसलिए किसान अपनी जमीन निजी कंपनियों को न दें.

कोल ब्लॉक अब कोल इंडिया को मिले
उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक प्रकल्पग्रस्त किसानों की 2 एकड़ जमीन देनी पड़ रही है तो 2 एकड़ पर एक सदस्य को नौकरी दी जानी चाहिए. इससे पूर्व किसानों को न्याय दिलाने हमने संघर्ष किया था और बाद में कोलगेट घोटाला उजागर कर खैरात में बाँटे गए कोल ब्लॉक को रद्द करने में सरकार की मदद की. इसमें घोटाला होने की बात स्पष्ट होने के बाद रद्द हुए कोल ब्लॉक अब कोल इंडिया को मिले, इस दिशा में हमारा प्रयास जारी है. और अंत में मंत्री महोदय ने जिन किसानों की जमीन वेकोलि के आहते में है वैसे आश्रितों को नौकरी नहीं मिली है उन्हें तत्काल नौकरी देने की सिफारिश की.

इस अवसर पर भाजपा नेता तुलशीराम श्रीरामे, नरेन्द्र जिवतोड़े, रवि नागपुरे, जि.प. विजय वानखेड़े, एम.पी. राव के साथ अनेक लोग उपस्थित थे.

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