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मलाईदार विभाग में एक-एक कर्मी/अधिकारी 2-3 कर्मी/अधिकारी का काम संभाल कर अपना उल्लू सीधा कर रहे
नागपुर – नागपुर शहर की जनसंख्या एवं क्षेत्रफल में वृद्धि हुई है दूसरी ओर नागपुर महानगरपालिका में पिछले 4 साल से अधिकारियों एवं कर्मचारियों की संख्या कम होती जा रही है। हर महीने 30 से 35 अधिकारी और कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं और रिक्तियां बढ़ रही हैं। फिलहाल मनपा में 50 फीसदी पद खाली हैं और कई मलाईदार विभागों में खासकर अधिकारियों व कर्मचारियों को अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है. नतीजतन, कई अधिकारियों -कर्मियों का स्वास्थ्य प्रभावित हुआ है और उनकी जेब सचमुच दिल और रक्तचाप नियंत्रण गोलियों से ढकी हुई है तो दूसरी ओर मलाईदार विभाग में एक-एक कर्मी/अधिकारी 2-3 कर्मी/अधिकारी का काम संभाल कर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं.
मनपा में अधिकारियों एवं कर्मचारियों के 11 हजार 521 पद स्वीकृत किए गए हैं। लेकिन वर्तमान में 7 हजार 115 पदों पर अधिकारी-कर्मचारी कार्यरत हैं और 4 हजार 404 पद रिक्त हैं. अधिकारियों और कर्मचारियों के हर महीने सेवानिवृत्त होने के कारण रिक्तियों में लगातार वृद्धि हो रही है। सेवानिवृत्त अधिकारियों का भार पहले से ही विभिन्न उत्तरदायित्वों के बोझ तले दबे अधिकारियों पर स्थानांतरित किया जा रहा है। इसके अलावा विकास कार्यों की फाइलों के लिए इन अधिकारियों को नगरसेवकों और पदाधिकारियों का दबाव भी झेलना पड़ रहा है.
इससे अधिकारियों का रक्तचाप बढ़ रहा है। विभिन्न विभागाध्यक्षों, अभियंताओं, अधिकारियों की जेब में सोरबिट्रेट, ब्लड प्रेशर की गोलियां मिलती हैं। दस विशेष समितियों की बैठकें, पदाधिकारियों द्वारा समय-समय पर पदाधिकारियों का आना-जाना, आयुक्तों की बैठक, उनके कार्य की योजना भी लड़खड़ा रही है क्योंकि अधिकारियों द्वारा काफी समय खर्च किया जा रहा है. नतीजा यह रहा कि विकास कार्यों की फाइलों की स्वीकृति की गति भी धीमी हो गई। इससे विकास कार्य भी प्रभावित हो रहा है।
लेकिन मनपायुक्त द्वारा रिक्त पदों को भरने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है. मनुष्यबल की कमी के चलते कई विभाग ठेकेदार कामगारों पर निर्भर हैं। विद्युत विभाग में एक जूनियर इंजीनियर को तीन जोन का काम देखना होता है। इतना ही नहीं स्वास्थ्य विभाग में भी कई जिम्मेदारियां एक ही अधिकारी पर होती हैं।
सदन में महापौर के निर्देशों की अनदेखी
सितंबर में, सत्तारूढ़ दल के नेता अविनाश ठाकरे ने एक अधिस्थगन के माध्यम से मेयर का ध्यान रिक्त पदों की ओर आकर्षित किया। महापौर दयाशंकर तिवारी ने 4,406 रिक्त पदों को तत्काल भरने के संबंध में प्रशासन को प्रस्ताव सरकार को भेजने का निर्देश दिया था. लेकिन लगता है प्रशासन के मुखिया इस आदेश को भी सिरे से नज़रअंदाज किया गया.
CFC के तहत कामचोर कर्मियों की फ़ौज
कर्मियों की अड़चन को महसूस कर एक दशक पहले CFC का गठन किया गया था,तब से एक ही ठेकेदार के मार्फ़त CFC का संचलन किया जा रहा.CFC के तहत विभिन्न विभागों में मांग के अनुरूप कंप्यूटर ऑपरेटर की पूर्ति की जाती हैं,इनमें से 50 से अधिक कंप्यूटर ऑपरेटर कोई काम नहीं करते सिर्फ आते-जाते और मासिक वेतनलाभ ले रहे,जैसे वरिष्ठ नागरिकों के लिए बैठक कक्ष में तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर आदि.उक्त मामलात की जानकारी होने के बावजूद मनपायुक्त आँख मूंद कर मनपा को चुना लगाने वाले कंप्यूटर ऑपरेटर के ठेकेदार को संरक्षण देते हुए प्रति ऑपरेटर 2500 मासिक लाभ दे रहा,जबकि नए कंप्यूटर ऑपरेटर भर्ती का टेंडर जारी हुए कुछ माह बीत चुके हैं.क्या दाल में काला हैं.बताया जा रहा कि मंत्रालय ने टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगा रखी है,ऐसे में बेकाम के वेतन उठाने वाले कंप्यूटर ऑपरेटरों की सूची तैयार कर उन्हें घर बैठना चाहिए था.
संवर्ग कुल स्वीकृत पद रिक्तियां
कक्षा 1 199 98
कक्षा 2 77 56
कक्षा 3 3791 2166
शिक्षक 755 00
कक्षा 4 2760 1947
सफाई 3939 310
कुल 11521 4406